- Advertisement -
सिवनी-सनातन वैदिक हिंदू धर्मके कुंभकोणम् और कांची (तमिलनाडू) स्थित प्रसिद्ध मठा के अध्यक्ष स्वामी श्रीजयेंद्र सरस्वतीजी ने अपना पांचभौतिक देह छोड दिया (निधन हो गया).
स्वामीजी अद्वैत वेदांतके विद्वान थे, उन्होंने अस्पृश्योंका धार्मिक पद्धतीसे उद्धार करनेके का बडा प्रयास किया. साथ ही वेद,आयुर्वेद के शिक्षाके कार्यमें उनका बडा योगदान रहा है. उनकी गिरफ्तीरी एक सीजिश के तौरपर काँग्रेस ने करवाया था ऐसी लेकोक्ती है, जिसकी पुष्टी पूर्व राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जीके आत्मकथनमें होती है.
दंडी स्वामी जयेंद्र सरस्वतीजी के चरणों में भावांजली समर्पित है.
- Advertisement -
Recent Comments