मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष से जैन समाज ने किया अंडे का आहार में ना शामिल करने का निवेदन
सिवनी न्यूज़, खबर सत्ता : आज 22 नवम्बर शुक्रवार की प्रात:कालीन बेला में छिंदवाड़ा मार्ग से प.पू.आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य योगसागर जी महाराज का संसध नगरागमन हुआ। इस दौरान भोपाल से पधारे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेन्द्र जैन ने मुनि संघ की आगवानी कर आशीर्वाद प्राप्त किया। नगर के ऐतिहासिक बड़े जैन मंदिर के दर्शन वंदना कर पूज्य मुनि श्री संघ की प्रवचन सभा बाहुबली हॉल में आयोजित की गई।
चीफ जस्टिस नरेन्द्र जैन एवं उनकी धर्म पत्नि श्रीमति मधु जैन ने पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया। श्री दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद, जनरल सेकेटरी नरेन्द्र गोयल, उपाध्यक्ष मिलन बाझल सेकेटरी सुबोध बाझल,पूर्व अध्यक्ष डॉ.अशोक खजांची, कोषाध्यक्ष प्रफुल्ल जैन बंटी द्वारा जस्टिस नरेन्द्र जैन का शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह के माध्यम से अभिनंदन किया गया। श्रीमति मधु जैन का अभिनंदन स्थानीय महिला समाज द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जयपुर निवासी जस्टिस नरेन्द्र जैन ने अपने उदगार व्यक्त करते हुये कहा कि आज प्रभातकालीन बेला में सिवनी के भव्य जिनालयों की वंदना के साथ गुरू वंदना का सुयोग बना निश्चित रूप से ऐसा संयोग भाग्य से प्राप्त होता है। मुझे अनेक अवसर अपने जीवन में ऐसे मिले जब मुझे अनेक स्थलों पर पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनों के साथ उनसे सम सामायिकी पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
उनके निर्देशन में मैने प्रदेश की अनेक जेलों का निरीक्षण कर उनकी प्रेरणा से संचालित हथकरघा जैसे स्वावलम्बन की योजना को क्रियान्वित करने का प्रयास एवं पुरूषार्थ किया। इस अवसर पर मुनिश्री योगसागर जी महाराज ने उन्हें जस्टिस नरेन्द्र जैन का शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह के माध्यम से अभिनंदन किया गया।
श्रीमति मधु जैन का अभिनंदन स्थानीय महिला समाज द्वारा किया गया। इस अवसर पर जयपुर निवासी जस्टिस नरेन्द्र जैन ने अपने उदगार व्यक्त करते हुये कहा कि आज प्रभातकालीन बेला में सिवनी के भव्य जिनालयों की वंदना के साथ गुरू वंदना का सुयोग बना निश्चित रूप से ऐसा संयोग भाग्य से प्राप्त होता है।
मुझे अनेक अवसर अपने जीवन में ऐसे मिले जब मुझे अनेक स्थलों पर पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनों के साथ उनसे सम सामायिकी पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
उनके निर्देशन में मैने प्रदेश की अनेक जेलों का निरीक्षण कर उनकी प्रेरणा से संचालित हथकरघा जैसे स्वावलम्बन की योजना को क्रियान्वित करने का प्रयास एवं पुरूषार्थ किया।
इस अवसर पर मुनिश्री योगसागर जी महाराज ने उन्हें निर्देशित किया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा विद्यायलयीन मध्यान्ह भोजन में छात्र छात्राओं को अण्डा जैसा मांशाहारी दूषित पदार्थ खाने में दिया जा रहा है वह सर्वथा अनुचित है।
समग्र जैन समाज इसका घोर विरोध करती है। इस विषय में भी आपके द्वारा सकारात्मक पहल होनी चाहिये। इस हेतु आप संबंधित मंत्रालय में चर्चा कर इसका सकारात्मक समाधान लेवें।