छपारा के आईटीआई में पढ़ने वाली छात्रा शुक्रवार सुबह सजा के डर से आईटीआई गेट के पास बेहोश हो गई। बेहोशी की हालत में छात्रा को इलाज के लिए छपारा स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया । जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। शाम को इलाज के दौरान छात्रा का स्वास्थ्य ठीक होने पर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
7.30 के बाद पहुंचे तो मिलती है सजा
छपारा आईटीआई के प्रभारी प्राचार्य नीलेन्द्र तिवारी ने आदेश जारी किए हैं कि आईटीआई में जो भी छात्र सुबह 7.30 बजे के बाद आएगा उसे सजा मिलेगी। आईटीआई के छात्र छात्राओं ने बताया कि 7.3.बजे के बाद पहुंचने वाले छात्र छात्राओं से यहां बन रहे गार्डन में घंटों काम कराया जाता है। गार्डन में साफ सफाई के साथ अन्य मेहनती काम कराए जाते हैं। कई छात्र छात्राओं को लेट पहुंचने पर इस तरह की सजा भुगतनी पड़ चुकी है।
लेट पहुंचने पर डर गई थी छात्रा
कहानी निवासी छात्रा आरती मर्सकोले छपारा में किराये से रहकर आईटीआई में पढ़ाई कर रही है। शुक्रवार सुबह वह आईटीआई 7.30 बजे के बाद पहुंची। लेट पहुंचने पर छात्रा को याद आया कि प्रभारी प्राचार्य के नियम के मुताबिक अब उसे गार्डन में सजा के तौर पर काम करना पड़ेगा। इसी डर से वह गेट पर ही बेहोश होकर गिर गई। छात्रा के गिरते ही यहां हड़कंप की स्थिति बन गई। आनन फानन में छात्रा को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
मैने नहीं दिए निर्देश
इस मामले में छपारा आईटीआई के प्रभारी प्राचार्य नीलेन्द्र तिवारी का कहना है कि उन्होने लेट आने पर इस तरह की कोई सजा देने के निर्देश नहीं दिए हैं। आईटीआई में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं अपनी मर्जी से काम कर सुव्यवस्थित गार्डन बनाना चाहते हैं। छात्रा के बेहोश का कोई और कारण हो सकता है।