बरघाट, सिवनी – कहते हैं कि मां की ममता और पुलिस की मेहनत अगर साथ मिल जाए तो कोई भी नामुमकिन मुमकिन बन सकता है। ऐसा ही एक दिल को छू जाने वाला मामला सामने आया है सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड के ग्राम पौनारकला से, जहां शादी समारोह से रहस्यमयी ढंग से अपहृत ढाई वर्षीय मासूम देव को चार महीने बाद पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है।
23 अप्रैल की रात: जब खुशी मातम में बदल गई
दिनांक 23 अप्रैल 2025 को देव अपने माता-पिता के साथ एक रिश्तेदार के विवाह समारोह में शामिल होने गया था। देर रात नींद आने पर उसकी मां ने उसे पास के एक कमरे में सुला दिया और बाकी परिवार शादी के कार्यक्रम में व्यस्त हो गया। लेकिन जब सुबह उठने पर बच्चा बिस्तर से नदारद मिला, तो मानो पूरे परिवार की दुनिया ही उजड़ गई।
परिजनों ने पहले गांव और रिश्तेदारी में बच्चे की तलाश की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो अगली सुबह बरघाट थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। पुलिस ने तत्काल अपराध क्रमांक 226/25 के तहत धारा 137(2) भादंवि में मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी।
50 हजार में बिका मासूम!
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पुलिस को पता चला कि देव का अपहरण पुष्पा उर्फ पुष्पकला, पत्नी रविंद्र धुर्वे ने किया था। यह महिला मूलतः ग्राम पिंडरई की निवासी है लेकिन वर्तमान में महाराणा प्रताप नगर, सिवनी में किराये के मकान में रह रही थी।
पुष्पा ने देव को ₹50,000 में शीला साहू नामक महिला को बेच दिया था, जो सिवनी में अपने पति राजकुमार उर्फ गोपाल साहू के साथ रहती है और निःसंतान है।
तीन थानों की पुलिस ने रात-दिन एक कर दिया
इस केस की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता और एसडीओपी ललित गठरे ने बरघाट, अरी और कोतवाली सिवनी थानों की एक संयुक्त टीम गठित की। चार महीनों तक इन थानों की पुलिस दिन-रात जिले और आसपास के इलाकों में बच्चें की तलाश में जुटी रही।
सूफी नगर, सिवनी से प्राप्त खुफिया जानकारी पर जब पुलिस ने दबिश दी, तो देव को बरामद करने में बड़ी सफलता हाथ लगी।
ऐसे लगा सुराग
स्थानीय लोगों से पुलिस को सूचना मिली थी कि एक महिला, जो निःसंतान है, अचानक एक छोटे बच्चे के साथ देखी जा रही है और वह महीने में मुश्किल से एक-दो बार ही बच्चे को घर से बाहर निकालती है।
पुलिस ने जब महिला के घर में छानबीन की, तो बच्चे की पहचान और सारी सच्चाई सामने आ गई। पूछताछ के दौरान पुष्पा और शीला दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
मां की गोद में लौटा ‘देव’, मां की आंखों से छलक पड़े खुशी के आंसू
चार महीने तक ममता से दूर रहा मासूम देव, जब अपनी असली मां की गोद में पहुंचा, तो उसे पहचानना तक मुश्किल हो रहा था। लेकिन जैसे ही मां ने उसे बाहों में भरकर पुकारा – “देव बेटा,” तो मानो किसी भूले हुए राग को फिर से सुन लिया हो, और मां-बेटे की आंखें भर आईं।
अभियुक्तों पर दर्ज हुए गंभीर अपराध, भेजे गए जेल
पुलिस ने पुष्पा उर्फ पुष्पकला (35 वर्ष) और शीला साहू पर धारा 137(2), 143(2), 64(1), 3, 4 न्याय सहिता के तहत केस दर्ज किया है। दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- अपहरण करने वाली महिला का शादी समारोह या परिवार से कोई भी संबंध नहीं था।
- शादी में मेहमान बनकर शामिल होकर बच्चे को अगवा किया गया।
- बच्चे को एक ऐसी महिला को बेचा गया, जो वर्षों से संतान सुख से वंचित थी।
यह मामला न सिर्फ पुलिस की सतर्कता और समर्पण का उदाहरण है, बल्कि समाज को भी यह संदेश देता है कि हर अजनबी पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।
पुलिस की मेहनत का ही नतीजा है कि आज देव अपने घर, अपनी मां की गोद में वापस है।