सिवनी-गोंडवाना शासन काल के दौरान मुख्यालय सिवनी में पेयजल स्तर को बनाये रखने के लिये राजा दलपत शाह द्वारा निर्मित दलसागर तालाब जिला प्रशासन, नगर पालिका परिषद सिवनी एवं पुलिस विभाग की नजर-अंदाजी के चलते गंदे नाले का रूप ले चुका है, पहले ही एनजीटी द्वारा इस तालाब के पानी को मानक से ज्यादा प्रदूषित होने की चेतावनी पालिका सिवनी को दी जा चुकी है, लेकिन उसके बाद भी निर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षद इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाये रखने के लिये कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं।
सिवनी । पूर्व कलेक्टर मनोहर दुबे के कार्यकाल के दौरान तालाब को सुरक्षित बनाये रखने के लिये बीआरजीएफ योजना मद से लाखों की लागत से बनायी गई फेंसिंग और पत्थर की पीचिंग दम तोड़ रही है, वहीं चौपाटी के रूप में दलसागर को तब्दील करने के लिये पर्यटन विभाग द्वारा किया गया प्रयास भी असफल हो चुका है, जिसका पूरा फायदा भैरोंगज सोमवारी चौक से के.के. लॉज तक जाने वाले मार्ग में स्थित अवैध कब्जेधारी उठा रहे हैं।
वर्षों से अनुपयोगी सैंकड़ों वाहन फेंसिंग के किनारे पड़े हुये है, वहीं कबाडिय़ों द्वारा फेंका गया कचरा भी तालाब में ऐसी सामग्रियां घोल रहा है, जो मानव शरीर के साथ ही जलीय जंतुओं के लिये खतरनाक है। वाहनों का सुधार कार्य का क्षेत्र बन चुके इस मार्ग में प्रतिदिन सैंकड़ों लीटर आईल एवं ग्रीस फेंका जाता है, जो वर्षा के दौरान पुन: तालाब के पानी को प्रदूषित कर देता है।
भैरोंगज सोमवारी चौक में बनाये गये घाट का उपयोग बस एवं वाहन मालिक वाहनों की धुलाई के लिये उपयोग कर रहे है, जबकि उक्त क्षेत्र इस कार्य के लिये पूर्णत: प्रतिबंधित है। दुखद विषय यह है कि नगर पालिका सिवनी स्वयं अम्बेडकर भवन के समीप से बहने वाले नाले का पानी वर्षभर दलसागर तालाब में प्रवाहित करती है, जो प्रदूसित कर रही है ।
गंदे नाले व दलदल में तब्दील हो रहा है ऐतिहासिक दलसागर तालाब
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