सिवनी – गत 9 अप्रैल को कलेक्टर श्री गोपालचंद डाड व पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक की अध्यक्षता में शासकीय अधिकारियों/ कर्मचारी में समरसता को लेकर विभिन्न कर्मचारी संघों की बैठक का आयोजन आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया। उक्त बैठक में शिक्षक कांग्रेस, बिजली कर्मचारी महासंघ, शिक्षक संघ, आजाद अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संघ, महिला कर्मचारी लिपिक संघ, जिला/ जनपद कर्मचारी संघ, अजाक्स, सपाक्स, अपाक्स संघ सहित अन्य कर्मचारी संघों के अध्यक्ष/ सचिवों की उपस्थिति रही।
बैठक में कलेक्टर श्री गोपाल चंद डाड ने सभी उपस्थित संघ अध्यक्ष/सचिवों से कहा कि आप व आपके संघ के सदस्यों के साथ हम सभी अधिकारी/कर्मचारी शासन का हिस्सा है। ऐसा कोई भी कार्य जो समाज में जनता के बीच कर्मचारी द्वारा किया जाता है वह शासन का प्रतिनिधित्व करती है। अत: व्यक्तिगत कारणों से ऐसा कोई कृत्य किया जाना या विरोध व मांग हेतु अनियन्त्रित भीड़ का हिस्सा बनना शासन की छवि धूमिल करता है। संवैधानिक पद में रहते हुए कर्मचारी अधिकारी की व्यक्तिगत जीवन उसके घर तक ही सीमित है बाहर सभी शासकीय अधिकारी कर्मचारी है अत: शासकीय आचरण नियम विरूद्व किया गया कोई भी कृत्य नियम विरूद्व है।
उन्होंने कहा कि आप सभी शासन के महत्वपूर्ण अंग है सभी का निष्पक्ष होकर कार्य करना जरूरी है। तभी शासन व प्रशासन कार्यो की सिध्दि है। पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक ने कहा कि शासकीय अधिकारी कर्मचारी शासन के महत्वपूर्ण हिस्सा ही नहीं अपितु स्वंय शासन है हमारे द्वारा किया कार्य शासन द्वारा लोकहित में किया गया कार्य है। अत: हमें निष्पक्ष होकर कार्य करने के साथ ही निष्पक्ष दिखना भी अनिवार्य है। ऐसी किसी भी भीड़ का हिस्सा होना जनता में शासन की छवि खराब करना है। अत: कोई भी शासकीय अधिकारी कर्मचारी का भीड़ का हिस्सा होना निति संगत नहीं है। उन्होंने बताया कि विगत 2 अप्रैल को किया गया भारत बंद भ्रांति का ही परिणाम है यथा स्थिति यह है कि कानून पूर्ववत शक्तिशाली है जैसा पहले था। हाईकोर्ट द्वारा किसी भी प्रकार का एक्ट में परिवर्तन नहीं किया गया है। सिर्फ इस एक्ट अंतर्गत कार्यवाही की विवेचना की गाइड लाइन दी गई है। यह पूर्ववत शक्तिशाली है। जनता में भ्राति फैलाकर व्यक्तिगत स्वार्थ को लेकर रैली व बंद आयोजित हुए है। उन्होंने सभी से कहा कि आप सभी हाईकोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय को पढ़कर यथास्थिति जाने व अन्य साथियों को अवगत करवाये ताकि वह किसी भी भ्रम की स्थिति में ऐसी भीड़ का हिस्सा न बने।
किसी भी जुलूस-रैली का हिस्सा न बने सरकारी सेवक
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