सिवनी: कार्यपालन यंत्री तिलवारा बांयी तट नहर संभाग केवलारी ने बताया कि संजय सरोवर परियोजना से लगभग 213 ग्रामों को सिंचाई सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना में दांयी तट नहर प्रणाली, बांयी तट नहर प्रणाली एवं अपर तिलवारा नहर प्रणाली से सिंचाई प्रदान की जाती है।
योजना से सिंचाई को समयावधि में प्रदान करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा विगत 26 अक्टूबर 23 की बैठक में लिए निर्णय अनुसार 10 नवम्बर 2023 को मुख्य नहर से सिंचाई हेतु नहर का प्रवाह कम कर पानी छोड़ कर नहरों को टेस्ट कर लिया गया है। 17 नवम्बर को को पुन: नहर का प्रवाह बढ़ाकर वर्तमान में दांयी तट नहर से 850 क्यूसेक एवं बांयी तट नहर से 350 क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा गया है।
पलेवा की आदर्श स्थिति 21 दिन की समयावधि मानते हुए 12 दिसम्बर 2023 तक समस्त कृषकों के खेतों में पानी पहुंचाकर पलेवा कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। पलेवा के पश्चात लगातार नहरों से सिंचाई हेतु कृषकों को 21 से 30 दिनों के अंतराल में पानी प्रदान किया जाने का विभाग का लक्ष्य है।
किसानों से अनुरोध है कि पानी व्यर्थ न बहने दें। यदि ऐसी स्थिति कहीं निर्मित होती है तो तत्काल विभाग के अमीनो, उपयंत्री अथवा अनुविभागीय अधिकारी को सूचित करने का अनुरोध है ताकि नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। इस हेतु विभाग के कर्मचारियों/ अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
नहर के हेड के कृषकों से निवेदन है कि टेल (नीचे) स्थित कृषकों को नहर में पानी पहुंचाने में विभागीय कर्मचारियों/अधिकारियों का सहयोग करें। किसानों से अनुरोध है कि नहरों में अडावा लगाना शासन संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अपराध है एवं नीचे के कृषकों को पानी नहीं मिलने के कारण खाद्यान उत्पादन से वंचित होंगे जो देश के लिए हानिकारक है।
पानी से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का त्वरित निराकरण करने के लिए संभागीय कार्यालय केवलारी में कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसके प्रभारी अधिकारी श्री उदयभान सिंह मर्सकोले हैं जिनका मोबाइल नं. 9407275171 पर समस्या/ शिकायत से अवगत करा सकेंगे एवं कंट्रोल रूम प्रभारी अधिकारी फील्ड के कर्मचारियों/ अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर समस्या/शिकायत का निराकरण करेंगे।
चूंकि संजय सरोवर परियोजना की नहरों का निर्माण लगभग 40-42 वर्ष पूर्व का है। नहर अत्याधिक जीर्ण-शीर्ण एवं क्षतिग्रस्त अवस्था में है जिनका आगामी वर्षों में कांक्रीट लाइनिंग होना है जिससे सुगमता से समस्त किसानों को पानी की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।