सिवनी, मध्यप्रदेश — इंसान क्या कर सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं होती—और 53 वर्षीय शिव नारायण तिवारी ने यह बात एक बार फिर साबित कर दी है। सिवनी के विवेकानंद वार्ड निवासी तिवारी ने देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित 18वीं वन खेलकूद प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 40 किलोमीटर की साइक्लिंग रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे सिवनी और मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय बन गई है।
उम्र नहीं, जज़्बा मायने रखता है
53 वर्ष की उम्र में जहां बहुत से लोग आराम को प्राथमिकता देते हैं, वहीं शिव नारायण तिवारी ने अपने जुनून, अनुशासन और कठिन परिश्रम से यह बड़ा मुकाम हासिल किया। प्रतियोगिता में देशभर से आए प्रतिभावान खिलाड़ियों के बीच मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन तिवारी ने अपनी सख्त दिनचर्या, फिटनेस और अटूट जज़्बे के दम पर शानदार प्रदर्शन किया।
उनकी साइकलिंग क्षमता, गति और धैर्य ने सभी को प्रभावित किया और उन्हें सिल्वर मेडल (🥈) दिलाया।
स्थानीय लोगों में खुशी की लहर
तिवारी की इस बड़ी सफलता की खबर सिवनी में आग की तरह फैल गई। स्थानीय लोगों, खेल प्रेमियों और उनके शुभचिंतकों ने उनकी उपलब्धि को बेहद गर्व की बात बताते हुए खुशी जताई है। सोशल मीडिया पर भी उनके सम्मान में बधाइयों की बाढ़ आ गई है।
नगर के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि शिव नारायण तिवारी युवाओं के लिए एक जीवंत प्रेरणा स्रोत हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो उम्र को अपनी प्रगति में बाधा मानते हैं।
“उम्र सिर्फ एक संख्या है” — तिवारी जी
अपनी जीत पर खुशी व्यक्त करते हुए तिवारी ने कहा:
“उम्र केवल एक संख्या है… अगर मन में जुनून और लक्ष्य हो तो कुछ भी असंभव नहीं। मेहनत और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी है।”
उनका यह संदेश पूरे देश के खिलाड़ियों—विशेषकर मध्य आयु वर्ग के स्पोर्ट्स प्रेमियों—के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
तिवारी की सफलता क्यों है खास?
- राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रदर्शन
- 40 KM लंबी कठिन रेस में दूसरा स्थान
- 53 की उम्र में भी कमाल की फिटनेस
- मध्यप्रदेश का सम्मान बढ़ाया
- युवाओं और बुजुर्गों दोनों के लिए प्रेरणा
तिवारी का यह प्रदर्शन यह बताता है कि सही योजना, लगन और सकारात्मक सोच से उम्र चाहे जो भी हो—लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
पूरे सिवनी में खुशी की लहर
सिवनी शहर में तिवारी जी की यह उपलब्धि गर्व का विषय बनी हुई है।
स्थानीय लोगों, खेल प्रेमियों और युवाओं ने उनकी सफलता को सलाम करते हुए कहा—
“तिवारी जी ने यह साबित कर दिया कि जज़्बा हो तो उम्र कभी रुकावट नहीं बनती।”
नगर के कई युवाओं ने कहा कि वे अब साइक्लिंग और फिटनेस को गंभीरता से अपनाने की सोच रहे हैं।
सिवनी में बढ़ेगी खेल संस्कृति?
विशेषज्ञ मानते हैं कि शिव नारायण तिवारी जैसे खिलाड़ियों की उपलब्धि से सिवनी में खेल संस्कृति को नई दिशा मिलेगी। स्थानीय स्तर पर साइक्लिंग और फिटनेस गतिविधियों में रुचि बढ़ने की पूरी संभावना है। कई युवाओं ने भी कहा कि वे तिवारी जी से प्रेरित होकर खेलों में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू करेंगे।
शिव नारायण तिवारी की यह सफलता सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और दृढ़ संकल्प की जीत है। यह जीत सिवनी ही नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की पहचान को मजबूती देती है।
सिवनी गर्व से कह सकता है—“हमारे शिव नारायण तिवारी ने फिर दिखाया, उम्र रुकावट नहीं, बल्कि प्रेरणा है।”
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