सिवनी, मध्यप्रदेश | जिले में जल संकट की विकट स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जनसामान्य एवं विभिन्न समाचार माध्यमों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह पाया गया है कि जिले में स्थानीय स्तर पर जल आपूर्ति की गंभीर कमी उत्पन्न हो गई है, जिससे जल संकट जैसी आपातकालीन स्थिति निर्मित हो गई है।
इस संबंध में जिला दंडाधिकारी संस्कृति जैन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से नगर पालिका सिवनी एवं मास्टर प्लान क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों — बीजांवाडा (रैयत), मानेगांव, बिठली, पलारी, छिड़िया, डोरली छतरपुर, बोरदेही, खैरी, सिमरिया, मरझोर, बम्होडी, लखनवाड़ा, कोनियापार, परतापुर, लोनिया, लुघरवाडा — में पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित आपातकालीन आदेश जारी किए हैं। आदेश निम्नानुसार हैं:
1. जल स्त्रोतों का अधिग्रहण:
जल संकट की स्थिति में किसी भी सार्वजनिक या निजी जल स्त्रोत को, बिना पूर्व सूचना के, जनहित में अधिग्रहित किया जा सकेगा।
2. सीमित उपयोग की अनुमति:
जल स्त्रोतों का उपयोग केवल दैनिक जीवन के आवश्यक कार्यों एवं पेयजल के लिए ही किया जा सकेगा। अन्य किसी उपयोग की अनुमति नहीं होगी।
3. सिंचाई पर प्रतिबंध:
जल संकट को ध्यान में रखते हुए किसी भी सिंचाई कार्य हेतु जल का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। उल्लंघन की स्थिति में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
4. निर्माण कार्यों पर रोक:
जिले में अगले 15 दिनों तक किसी भी निर्माण कार्य में जल उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जब तक कि संबंधित व्यक्ति को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला सिवनी से विधिवत अनुमति प्राप्त न हो।
5. सार्वजनिक हित में जल स्त्रोतों का उपयोग:
जल संकट को ध्यान में रखते हुए निजी एवं सार्वजनिक बोरवेल, कुएं, बावड़ी एवं तालाब, जिनका जल दैनिक उपयोग योग्य है, उन्हें कभी भी जनहित में जनता के उपयोग हेतु अधिग्रहित किया जा सकता है और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है, क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई देना संभव नहीं है। आदेश तत्काल प्रभाव से सिवनी जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में लागू रहेगा।
आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे वर्तमान जल संकट की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करें और जल का संयमित उपयोग करें।