सिवनी जिले में “6 साल 3 माह में तीन गुना रकम लौटाने” का झांसा देकर लोगों की मेहनत की कमाई हड़पने वाली आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स एंड एलाइड लिमिटेड कंपनी के संचालकों और डायरेक्टरों को माननीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा ने सश्रम कारावास और भारी जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह फैसला उन हजारों निवेशकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है, जिन्होंने कभी इस कंपनी पर भरोसा करके अपनी जमा पूंजी इसमें लगा दी थी।
कोर्ट ने क्या कहा — सुनाया गया सख्त फैसला
माननीय न्यायालय ने अभियुक्तगणों —
- रघुवीर सिंह राठौर (50 वर्ष) निवासी गावडी देवसी, थाना भाटपचलाना, उज्जैन
- धर्मेंद्र सिंह सोनगार (45 वर्ष) निवासी शिक्षक कॉलोनी, बड़नगर, उज्जैन
- राजेंद्र सिंह सिसोदिया (48 वर्ष) निवासी जमुनिया शंकर, थाना बरखेड़ा, रतलाम
- जगदीशचंद्र व्यास (47 वर्ष) निवासी कराडिया, थाना बरखेड़ा, रतलाम
को निम्न धाराओं में दोषी पाया —
- धारा 420/34 भा.द.वि. – 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹10,000 अर्थदंड
- धारा 406/34 भा.द.वि. – 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1,000 अर्थदंड
- धारा 3, म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 – 3 माह का सश्रम कारावास एवं ₹1,000 अर्थदंड
- धारा 6, म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 – 6 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹50,000 अर्थदंड
कैसे हुआ घोटाला: तीन गुना रकम लौटाने का सपना बना धोखा
फरियादी सुनील पिता दफेलाल ठाकुरिया ने 25 जनवरी 2011 को पुलिस अधीक्षक, सिवनी को शिकायत दर्ज कराई थी कि
“आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स एंड एलाइड लिमिटेड, ज्यारत नाका सिवनी” नामक कंपनी के संचालकों ने निवेशकों को “6 साल 3 माह में तीन गुना राशि लौटाने” की स्कीम दिखाई थी।
उनके पिता दफेलाल ठाकुरिया ने ₹1,03,000 और चाचा जेठूलाल ने ₹98,300 कंपनी के कार्यालय में जमा किए थे। तय समय के बाद जब पैसे वापस मांगने गए तो कंपनी का दफ्तर बंद मिला और संचालक फरार हो गए।
एजेंटों से बार-बार संपर्क करने पर भी सिर्फ आश्वासन मिला — “आज मिलेगा, कल मिलेगा…”पर आखिरकार राशि कभी वापस नहीं मिली।
⚖️ पुलिस जांच और अभियोजन की कार्यवाही
शिकायत के बाद थाना कोतवाली सिवनी में अपराध क्र. 482/17 दर्ज किया गया, जिसमें धारा 420, 406 के तहत मामला दर्ज हुआ।
पूरी विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सिवनी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री नवल किशोर सिंह ने प्रभावी पैरवी करते हुए ठोस साक्ष्य पेश किए, जिन्हें माननीय न्यायालय ने स्वीकार किया और सभी आरोपियों को दोषी ठहराया।
जनता में खुशी, निवेशकों को मिला न्याय
इस फैसले से सैकड़ों निवेशकों में खुशी की लहर है। वर्षों से न्याय की राह देख रहे लोगों ने राहत की सांस ली।
कई लोगों का कहना है कि “अगर ऐसे धोखेबाजों को समय पर सजा मिलती रहे, तो कोई भी गरीब की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ करने की हिम्मत नहीं करेगा।”
निवेशकों के लिए सबक
यह मामला उन सभी लोगों के लिए सबक है जो “कम समय में ज्यादा मुनाफे” के लालच में बिना सोचे-समझे निवेश कर बैठते हैं।
ऐसी कंपनियों के मीठे वादों से बचें, और किसी भी निवेश से पहले उसके रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और सरकारी मान्यता की पूरी जांच करें।
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