भारत में हर साल हजारों लोगों को होता है चिकनगुनिया, पिछले सालों में ऐसे बरपाया था कहर

By SHUBHAM SHARMA

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नई दिल्ली। बारिश का मौसम आने के साथ ही चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ गया है। चिकनगुनिया बुखार में होने वाला दर्द मरीज को बुखार ठीक होने के कई दिनों बाद तक परेशान करता है। चिकनगुनिया से 100-200 नहीं बल्कि हजारों लोग चिकनगुनिया बुखार का शिकार होते हैं। पिछले सालों में चिकनगुनिया से कई लोग प्रभावित हुए हैं। जानते हैं पिछले सालों के चिकनगुनिया के आंकड़े क्या कहते हैं…

अगर चिकनगुनिया के आंकड़ो की बात करें तो पिछले कुछ सालों में चिकनगुनिया के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि साल 2018 में चिकनगुनिया के मरीजों में कमी आई है। साल 2015 में 27553, 2016 में 64057, 2017 में 67769 मरीज चिकनगुनिया से प्रभावित पाए गए। वहीं साल 2018 में यह संख्या घटकर 47208 हो गई है। माना जा रहा है कि इस साल भी चिकनगुनिया के मरीजों में कमी हो सकती है।

क्या है डेंगू, चिकनगुनिया में अंतर

डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है। इंसान को भूख कम लगने लगती है। जी मचलाना और उल्टी करने की टेंडेंसी भी हो सकती है। डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है। डेंगू के बुखार का एक खास लक्षण होता है सिर में और आंखों में तेज दर्द। डेंगू की सबसे अहम पहचान होती है कि मरीज को बुखार के साथ कमजोरी लगने लगती है क्योंकि उसके प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं।

वहीं, चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हैं, लेकिन इसमें प्लेटलेट्स काउंट कम नहीं होते हैं इसलिए मरीज को डेंगू की तुलना में कमजोरी कम लगती है। तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का सामान्य लक्षण होता है। हालांकि इस बुखार में जोड़ो में दर्द होना सबसे बड़ी परेशानी होती है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.