उद्योग की चाबी लेकर भूल गए “शिवराज”
भाजपा राज में उद्योग-धंधों के “बुरे दिन”
विशेष संवाददाता, भोपाल।
मध्य्प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में उद्योग-धंधों के “बुरे दिन” आ गए हैं। युवा उद्यमियों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, लिहाजा उन्हें अपने उद्योग में ताला तक लगाना पड़ रहा है। ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के सिवनी जिले का है, यहां सरकार के निक्कम्मे सिस्टम से परेशान होकर एक महिला युवा उद्यमी ने ना सिर्फ अपने प्लांट में ताला जड़ दिया, बल्कि इसकी चाबी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दी। इसके बाद भी ना तो सरकार की नींद खुली और ना ही सरकारी अधिकारियों की।
दुर्भाग्य की बात तो यह है कि प्रदेश के मुखिया “शिवराज” भी चाबी लेकर भूल गए। महिला उद्यमी दीपमाला नंदन पहले सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाने के कारण परेशान थी, अब अपने प्लांट की चाबी वापस पाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है।
यह है मामला
दरअसल, सिवनी निवासी महिला उद्यमी दीपमाला पति विजय नंदन का नागपुर रोड के खेरीटेक में बैटरी मैनुफैक्चरिंग प्लांट है। यह प्लांट उन्होंने 2015 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से 25 लाख रुपए का ऋण लेकर शुरू किया था। एक साल बाद उन्हें बैटरी की लगातार आ रही अधिक डिमांड को पूरा करने के लिए करीब 15 लाख रुपए वर्किंग केपिटल ऋण की जरुरत पड़ी। इसके लिए उन्होंने सेंटरमध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक से संपर्क किया तो बैंक के अधिकारियों ने वर्किंग केपिटल ऋण देने के लिए हामी भर दी। लेकिन लगातार आवेदन करने के बाद भी बैंक के अधिकारियों ने आज तक लोन स्वीकृत नहीं किया, जबकि बैंक ने पहले से ही महिला उद्यमी की करीब 80 लाख कीमत की प्रॉपर्टी भी अपने पास बंधक रखी हुई है।
परेशान होकर सौंपी थी चाबी
बीते एक साल से वर्किंग केपिटल के लिए परेशान महिला उद्यमी ने आखिरकार अपने प्लांट में ताला जड़ दिया और 12 जनवरी को छिंदवाड़ा के हवाई पट्टी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन के साथ चाबी सौंप दी। महिला उद्यमी का कहना है कि मुख्यमंत्री को चाबी सौंपने के पीछे मकसद यह था कि वह मेरे प्रकरण में गंभीरता से ध्यान देकर मुझे वर्किंग केपिटल दिलवा देंगे और मुझे अपनी चाबी वापस कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
डेढ़ माह से बंद है प्लांट
इसके बाद महिला उद्यमी ने जिला कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री शिवराज को 2 बार ज्ञापन सौंप चुकी है। महिला उद्यमी के पास प्लांट की एक ही चाबी थी, लिहाजा प्लांट 12 जनवरी से ही बंद पड़ा है। प्लांट में एक दर्जन से ज्यादा वर्कर बेरोजगार हो गए है। चाबी के लिए महिला उद्यमी ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से लेकर सीएम हाउस तक संपर्क किया, उन्हें चाबी कहीं नहीं मिली। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी सिस्टम ही लापरवाही की भेंट चढ़ा हो तो फिर कहां और किससे उम्मीद करें। न्याय की उम्मीद लिए सीएम को चाबी सौंपने वाली युवा उद्यमी अब यही कह रही है कि भाजपा राज में “अच्छे दिन” एक बहुत अच्छा “जुमला” है।
इनका कहना है
महिला उद्यमी का वर्किंग केपिटल लोन प्रक्रिया में है। मैंने फ़ाइल तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है।
– एस के अवस्थी, प्रबंधक, सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक सिवनी
मुझे चाबी के बारे में जानकारी तो मिली थी, मैंने यहाँ पता करवाया, लेकिन नहीं मिली।
– अजय तिर्की, डिप्टी कलेक्टर, छिंदवाड़ा
चाबी को लेकर सीएम हाउस से फोन आया था। हमने यहां पता करवाया, लेकिन चाबी नही मिल पाई।
– राजेश साही, एसडीएम, छिंदवाड़ा
बोलीं महिला उद्यमी
मैं एक साल से वर्किंग केपिटल की मांग बैंक से कर रही हूं, आज तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मुख्यमंत्री से उम्मीद थी, लेकिन वह तो चाबी ही ले गए। कम से कम चाबी तो हमें वापस कर दें, ताकि हम प्लांट खोल सकें।
– दीपमाला नंदन, सिवनी