सिवनी (मध्यप्रदेश): सावन का पावन महीना… और भोलेनाथ की भक्ति में डूबे नन्हे-मुन्ने कांवड़िए! सिवनी जिले के तिलक वार्ड से निकली ये कांवड़ यात्रा एक अलग ही छटा बिखेर रही थी। भोले के जयकारों से गूंजते माहौल में जब छोटे-छोटे बच्चों ने अपने नन्हें कंधों पर कांवड़ उठाई, तो देखने वाले श्रद्धा और आश्चर्य से भर उठे।
इन मासूम भक्तों ने रेलवे स्टेशन क्षेत्र स्थित पिपलेश्वर हनुमान मंदिर से पवित्र जल भरकर, कदम दर कदम मठ मंदिर तक की यात्रा पूरी की और देवों के देव महादेव को अर्पित किया गया जल। इस दौरान बच्चों की आंखों में भक्ति की चमक और चेहरों पर आत्मविश्वास देखते ही बनता था।
💬 स्थानीय लोगों ने कहा – “बच्चों की आस्था बनी प्रेरणा”
इस अद्भुत नज़ारे को देखने पहुंचे लोगों ने कहा कि, “आज के समय में जहां बच्चे मोबाइल और टीवी में व्यस्त रहते हैं, वहीं सिवनी के ये नन्हे श्रद्धालु कांवड़ उठाकर धर्म और संस्कृति से जुड़ने की मिसाल पेश कर रहे हैं। यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है।”
🕉️ धार्मिक वातावरण में गूंजे जयकारे
यात्रा के दौरान “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयकारों से सिवनी की गलियां गूंज उठीं। कई स्थानों पर स्थानीय निवासियों ने फूल बरसाकर कांवड़ियों का स्वागत किया। कांवड़ यात्रा के समापन पर मठ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई, जिसमें बच्चों सहित उनके परिजनों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
🛕 बाल श्रद्धालुओं का उत्साह बना चर्चा का विषय
भले ही कांवड़ उठाने वाले ये बच्चे उम्र में छोटे हों, लेकिन उनकी श्रद्धा और जोश ने सभी का दिल जीत लिया। कुछ बच्चे तो खुद अपने हाथों से जल उठाकर भोलेनाथ को अर्पित कर रहे थे, जबकि अन्य ढोल-नगाड़ों के साथ धार्मिक गीतों पर झूमते नजर आए।
इस कांवड़ यात्रा ने यह साबित कर दिया कि भक्ति के लिए उम्र नहीं, सिर्फ सच्चे मन की जरूरत होती है। सिवनी के ये नन्हे भक्त समाज को यह संदेश दे गए कि सनातन संस्कृति की जड़ें आज भी गहरी हैं और भावी पीढ़ी उसे और भी मजबूती से आगे बढ़ा रही है।