सिवनी: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जिला सिवनी (Seoni ) में हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ (CHAAAVA FILM) को देखने के बाद बारापत्थर क्रमांक 3 अकबर वार्ड (Akbar Ward Barapatthar Seoni) के रहवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अकबर के नाम को वार्ड से हटाया जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हमारे लिए कलंक है क्योंकि अकबर ने छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ अन्याय किया था। वार्ड के नागरिकों ने जोर देकर कहा कि इस वार्ड का नाम किसी भारतीय महापुरुष के नाम पर रखा जाना चाहिए।
सिवनी में बढ़ रहा है नाम परिवर्तन का आंदोलन
सिवनी के वार्ड क्रमांक 3 के निवासी अब पूरी तरह से इस मुहिम में शामिल हो गए हैं। लोगों का कहना है कि हम इतिहास से सीखते हैं और अब समय आ गया है कि इन विदेशी आक्रमणकारियों के नाम हटाकर भारतीय महापुरुषों के नाम पर सम्मान दिया जाए। इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन से जल्द निर्णय लेने की मांग की जा रही है।
क्या जिला प्रशासन अकबर वार्ड वासियों की मांग पर देगा ध्यान?
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मांग पर ध्यान देगा? स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज होगा। वार्डवासियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम भारतीय संस्कृति और अपने गौरवशाली इतिहास का सम्मान करते हैं और हम अपने क्षेत्र के नाम किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर नहीं चाहते जिन्होंने हमारे महानायकों के साथ अन्याय किया था।
देशभर में अकबर, बाबर और हुमायूं जैसे नामों को हटाने की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह सिर्फ एक वार्ड या शहर की मांग नहीं है बल्कि भारत के इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। फिल्म ‘छावा’ ने लोगों को जागरूक किया और यह चर्चा अब सिर्फ सिनेमा हॉल तक सीमित नहीं रही, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी उठाई जा रही है।
‘छावा’ फिल्म से जागरूकता बढ़ी
फिल्म ‘छावा’ 14 फरवरी 2025 को रिलीज़ हुई थी और इसे देखने के बाद लोगों के अंदर इतिहास की सच्चाई को जानने की रुचि बढ़ी। यह फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार मुगल शासन के दौरान भारतीय शासकों के साथ अन्याय हुआ। अभिनेता विक्की कौशल ने संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है, जबकि रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिका में हैं।
दिल्ली में भी अकबर, बाबर, हुमायूं रोड का नाम बदलने की मांग
दिल्ली में भी फिल्म ‘छावा’ देखने के बाद कई लोग अकबर रोड, बाबर रोड, और हुमायूं रोड का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। 22 फरवरी 2025 को कुछ लोगों ने बाबर रोड के साइनबोर्ड पर कालिख पोतकर विरोध जताया। इससे पहले, 14 सितंबर 2019 को हिंदू सेना ने भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था और बाबर रोड के नाम परिवर्तन की मांग उठाई थी। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने उस समय कहा था कि यह सड़कें विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर हैं और इनका नाम भारतीय महापुरुषों के नाम पर रखा जाना चाहिए।
फिल्म ‘छावा’ की सफलता और उसके प्रभाव
फिल्म ‘छावा’ ने रिलीज होने के एक सप्ताह में ही 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है। इस फिल्म का कुल बजट 130 करोड़ रुपये था और इसे दर्शकों से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म की दमदार कहानी ने लोगों को इतिहास के प्रति जागरूक किया है और इसके चलते ही देशभर में मुगलों के नाम हटाने की मांग तेज हो गई है।