सिवनी -फोरलेन सड़क निर्माण कार्य की जो गति हेै उससे स्पष्ट है कि इस वर्षाकाल में भी कुरई घाटी और मोहगाँव के बीच वाहनों की रफ्तार सुचारू ढंग से नहीं हो सकेगी और आये दिन जाम की स्थिती बनी रहेगी । लंबे संघर्ष के पश्चात जैसे तैसे इस सड़क निर्माण की अनुमति हुई है तो काम करने वाली एजेंसी और वन विभाग की आधी अधूरी अनुमति समय पर काम ना करने की मानसिकता परेशानी का कारण बन रहा है वहीं ब्राडगेज का काम भी मंदगति से चलने सिवनी के व्यापार और यात्रियों के लिये मुसीबत बन रहा है।
पेंच नेशनल पार्क के बीच से गुजरने वाले फोरलेन मोहगांव से खवासा तक निर्माण के कार्य की रफ्तार धीमी हो गई है। जानकारी के अनुसार कुरई घाटी के बफर क्षेत्र में करीब 2700 पेडों की कटाई के लिए अनुमति का इंतजार हो रहा है।हालांकि वनक्षेत्र को छोडकर अन्य हिस्से में फोरलेन निर्माण का कार्य चल रहा है।
खवासा से कुरई के बीच एक हिस्से में फोरलेन सडक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि दूसरे हिस्से का काम प्रगतिशील है। 750 करोड रूपए की लागत से बन रही 28 किमी फोरलेन सडक निर्माण का ठेका भोपाल की दिलीप बिल्डकॉन कंस्ट्रक्शन कंपनी कोा दिया गया है। क्षेत्रवासियों के मुताबिक कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। निर्माणधीन सडक में पानी की सिंचाई न किए जाने से क्षेत्रवासियो व वाहन चालको को धूल और मिट्टी के गुबार से होकर गुजरना पड रहा है। शिकायतो को कंपनी के कर्मचारी व एनएचएआई विभाग अनदेखा कर रहे है।
रफ मटेरियल का इस्तेमाल
कंपनी पुरानी सडक के ऊपरी हिस्से से निकाली गई डम्पर की रफ लेयर व मटेरियल को अर्धवर्क कार्य में इस्तेमाल कर रही है। सडक के बेस में रफ मटेरियल को बिछाकर कंपनी ने रोलिंग करवा दी है। हालांक अधिकारियो का कहना है कि नई सडक में रफ मटेरियल का इस्तेमाल कंपनी द्वारा नही किया जा रहा है। डायवर्सन सडक बनाने के लिए पुरानी सडक के रफ मटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है। तकनीकि अधिकारियो के मुताबिक पुरानी सडक से निकले डम्पर व मटेरियल का इस्तेमाल अर्धवर्क कार्य में नही किया जा सकता है।
सर्वे में छूटे पेड
मोहगांव से खववासा के बीच फोरलेन सडक निर्माण के लिए पेंच बफर, दक्षिण सामान्य वनमण्डल, राजस्व व निजी जमीन पर स्थित करीब 9 हजार पेडों को काटा जा चुका है। पुराने सर्वे के मुताबिक वन मंंत्रालय ने फोरलेन के लिए 9200 पेडो की कटाई की अनुमति एनएचएआई को दी थी। लेकिन सर्वे में छूट गए करीब 2700 पेड सडक निर्माण में बाधा बन रहे है। सडक का बडा हिस्सा पहाडी व गहरी खाई में होने के कारण मेजरमेंट में छूटे पेडों की कटाई कराने प्रस्ताव तैयार कर वन विभाग भोपाल को अनुमति के लिए भेजा गया है। इसमें पेंच बफर क्षेत्र के करीब 2700 पेंड शामिल है। इस पर अनुमति मिलने के बाद कटाई का काम शुरू हो सकेगा।
सरकारी लकड़ी का मनमाना उपयोग
फोरलेन निर्माण के दौरान कंपनी को एनएच 7 पर चला रहे यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए मार्किंग और बैरीकेटिंग करना होता है। कंपनी द्वारा मोहगांव से खवासा के बीच घाटी व खतरनाक मोडो पर बैरीकेटिंग करने के लिए सडक किनारे से काटे गए पेडों की लकडी का बडे पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है। पेडो से काटी गई लकडी की बल्लियां बनाकर इसमें रंग पेंट और रेडियम पट्टी लगाकर सडक के किनारे कतारबद्ध तरीके से लगा दिया गया है। कंपनी द्वारा सुरक्षा व मार्किंग पर होने वाला खर्च बचाने के लिए सरकारी लकडी बगैर वनविभाग की अनुमति के इस्तेमाल किया जा रहा है। नियमानुसासर सडक किनारे लगाई गई इस सरकारी लकडी को उत्पादन वनमण्डल द्वारा परिवहन कर डिपो में जमा कराना था। लेकिन अधिकारी भी कंपनी के रूतबे के आगे बेबस दिखाई दे रहे है। उत्पादन वनमण्डल की डीएफओ ने इस मामले में वन अमले को फोरलेन सडक के किनारे इस्तेमाल सरकारी लकडी डिपो में जमा कराने के निर्देश दिए है।
गुणवत्ता पर सवाल
खवासा के नजदीक पचधार नदी से बगैर अनुमति पानी लेने और पुल निर्माण ठीक तरह से नही करने के मामले में आपत्ति दर्ज कराते हुए क्षेत्र के ग्रामीणो ने फोरलेन सडक का निर्माण कार्य रूकवा दिया था। ग्रामीणो का कहना है कि सडक का निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त कराया जाए ताकि क्षेत्रवासियों को मुश्किलो का सामना ना करना पडे। पेंच नेशनल पार्क के बीच से गुजरने वाले एनएच 7 के इस हिस्से में 14 साऊंडप्रूफ अंडरपासेस बनाए जा रहे है।
दक्षिण वनमंडल के अधिकारियों का कहना है कि फोरलेन सडक में करीब 9 हजार पेडो की कटाई का कार्य पूरा हो चुका है। शेष बचे 2700 पेडो की कटाई की अनुमति लेने के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा जा रहा है। अनुमति मिलने के बाद इस पर आगे की कार्रवाई हो सकेगी।
फोर्लेन निर्माण करने वाली एजेंसी के इंजीनियर के अनुसार फोरलेन सडक का निर्माण कार्य गुणवत्ता युक्त कराया जा रहा है। रफ मटेरियल का इस्तेमाल डायवर्सन सडक बनाने के लिए किया गया है। ताकि आवागमन बाधित न हो। शेष बचे पेडो की कटाई की अनुमति मिलना बाकी है। निर्माण कार्य तय समय में पूरा कराने की कोशिश की जा रही है।