सिवनी-कृषि पर आधारित जीवन की मुख्य फसल गैहू होती है, मार्चअप्रैल का महीना किसानो की जीवन दशा तय करता है ।ओर इन्ही माहो मे आगजनी की घटना के समाचार रोज प्राप्त होते है, आगजनी का कारण अधिकांशत बिजली स्पार्किग होता है, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विघूत वितरण कम्पनी मे पदस्थ अधिकारीओ की कर्तव्य हीन कार्यप्रणाली के चलते खेतो के ऊपर से गुजरने बाली सर्विस लाईने मेन्टानेंस के अभाव में तेज हवा के बहाव से एक दुसरे फेस से टकरा कर स्पार्किग कर फुलझड़ी जेसे आग के कण नीचे गिरते है ओर आग का बिशाल रुप ले लेते है ।
विभाग के द्वारा मेन्टानेंस के नाम प्रतिमाह लाखो का न्यारा व्यारा टेबिल मे बैठ कर किया जा रहा है ।ना तो सप्लाई लाईने के आसपास के बृक्षो की डालिया काटी जा रही है ना ही लुज सार्विस लाईनो मे सेपरेटर लगाया जा रहा है, ना ही शासन के द्वारा बायरिंग हटाकर केबलिंग लाईन लगाये जाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है ।
नगर से दस किलोमीटर दूर ग्राम अहरबाडा के कृषक सोम्मारु धुर्वे के खेत मे बिजली स्पार्किग से लगी आग से छह एकड मे लगी गैहू की फसल जलकर स्वाहा हो गई ।
स्मरणीय है वीते पांच बर्षो से संजय सरोवर परियोजना भीमगढ़ बांध के सिंचित तहसील क्षेत्रो मे खेतो मे आग लगने के 90 प्रतिशत मामले बिजली विभाग की लापरवाही सामने आयी है । फिर भी प्रशासन ओर विभाग मूकदर्शक बन कर तमाशबीन है, बिजली विभाग को विजली के कारण हो रही आगजनी के लिए जब तक ज्बाबदेह नही बनाया जायेगा तब तक ऐसे खौफनाक मंजर सामने आते रहेगे ।
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