लखनादौन- वन परिक्षेत्र कार्यालय उत्तर वन मण्डल सामान्य लखनादौन की घूरवाड़ा बीट क्रमांक 99 लिंगपानी के जंगलों में विगत 31 मार्च को 80 लाख रूपये की लागत से निर्मित 150 हेक्टेयर का प्लांटेषन आग लगने जलकर खाक हो गया जबकि उत्तर वन मण्डल सामान्य सिवनी के वनमण्डल अधिकारी गौरव चौधरी अपने तीन दिवसीय प्रवास पर लखनादौन वन विद्यालय में मौजूद थे। उक्त मामले में लखनादौन वन परिक्षेत्र अधिकारी विजय पाठक दूरभाष पर लगातार संपर्क करने के पर भी कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। उक्त आग से ना केवल प्लांटेषन जलकर खाक हुआ हैं वरन पशुओं का चारा, जंगल में रहने वाली निरीह जीव जंतु जिंदा कर मर गये। जिसकी जिम्मेदारी विभाग किस पर तय करेगा यह देखना बाकी हैं।
दीक्षांत समारोह में शामिल रहें डीएफओ
ज्ञात रहे कि विगत 31 मार्च को लखनादौन के वन विद्यालय में दीक्षांत समारोह आयोजित था जिसमें सिवनी वन मण्डल अधिकारी गौरव चौधरी सहित लखनादौन वन परिक्षेत्र अधिकारी विजय पाठक में मौजूद रहे जबकि प्रत्यक्षदर्षियों के अनुसार आग की लपटें सुबह 10 बजे से दिखाई देने लगी थी उस समय एक चौकीदार और आसपास के ग्रामीणों ने आग बुझाने की नाकाम कोषिष की परंतु 150 हेक्टेयर में ही लगी सूखी घास और आसपास फैले सूखे पत्तों के कारण आग ने विकराल रूप धारण करने से ग्रामीणों की हिम्मत भी जबाब दे गई 150 हेक्टेयर में लगे पौधे जलकर खाक हो गये। प्लांटेषन में लगी आग की खबर आग की तरह ही वन परिक्षेत्र अधिकारी सहित पूरे वन अमले तक पहुंच गई थी यदि उस वक्त पूरा वन अमला जो कार्यालय और वन विद्यालय में उपस्थित था, मौकाये वारदात पर पहुंच गया होता तो उक्त प्लांटेषन को बचाया जा सकता था, बावजूद इसके समस्त अधिकारी और कर्मचारी दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर आनंद उठाते रहे।
स्थानीय समितियों की अनदेखी
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन क्षेत्रों में हो रहे वानिकी के कार्यों को वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा बाहर के ठेकेदारों से कराये जाने के कारण स्थानीय व क्षेत्रीय सहित वन समितियों की उपेक्षा हो रही है जिसके चलते वन क्षेत्रों से उनका लगाव कम हो रहा हैं इस उपेक्षा का प्रमाण शासकीय दस्तावेजों में भुगतान प्रपत्र में देखा जा सकता हैं। स्थानीय समितियां एवं मजदूर वर्ग प्राकृतिक वन संपदा जैसे तेंदूपत्ता, चार बिजी, महुआ, माहौल पत्ता , आंवला, आदि, बटोरकर जीवन यापन करते है एवं मजदूरी का कार्य विभाग इन्हें ही मिलता हैं परंतु वन परिक्षेत्र अधिकारी लखनादौन विजय पाठक द्वारा बाहर के ठेकेदारों से सांठगांठ कर बाहर मजदूरों को बुलाकर वानिकी कार्यो का संपादन कराते हैं जिससे स्थानीय समितियां रोजगार नहीं मिल पाता जिसकी वजह से आसपास के ग्रामीण जन दूसरे जिले में पलायन कर रहें है । इसी उपेक्षा के चलते ग्रामीण जनों की वन विभाग से दूरियां बढते जा रही हैं।
मुख्यलयों से नदारत नाकेदार
वन परिक्षेत्र कार्यालय उत्तर वन मण्डल सामान्य लखनादौन की घूरवाड़ा बीट क्रमांक 99 लिंगपानी की नाकेदार श्रीमती सरला पदमाकर जिनका कार्यक्षेत्र घूरवाड़ा हैं, यदाकदा ही अपने कार्यक्षेत्र पर विचरण करने सिवनी से आती हैं। यदि नाकेदार पदमाकर इमानदारी से अपने कर्तत्यां का निर्वहन करती तो लगभग 1 करोड़ रू. की लागत से निर्मित उक्त प्लांटेषन में लगें पेड़ पौधें जलकर खाक ना होते और ना ही उस जंगल में मौजूद निरीह मूक वन प्राणियों की आग में जिंदा जलने से अकाल मौत ना होती। उक्त सम्बंध में जब वन परिक्षे़त्र अधिकारी से जानकारी प्राप्त करने हेतु जब कार्यालय पहुंचे तो विजय पाठक अपने कार्यालय से नदारद पाये गये। पहली बार कॉल रिसीव में उन्होने बताया कि वे वन विद्यालय में हैं जबकि दूसरी बार में उन्होने मड़ई में रहने की बात कही इसके बाद उनके मोबाईल नम्बर 9424794167 एवं 8319653651 लगातार कॉल करने पर उन्होनें कॉल रिसीव करना भी मुनासिब नही समझा।
मकरझिर के पास लिंगपानी के नजदीक 150 हेक्टेयर के प्लांटेषन में से 50 हेक्टेयर में ही आग लगी थी, वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन के बाद ही पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी, दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी.-डी एल भगत, अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग लखनादौन