भोपाल- मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार तो आ गई लेकिन सत्ता के मुखिया को लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभागों के बंटवारे से शुरू हुई माथापच्ची वंदेमातरम न होने के साथ और बढ़ गई।
एमपी में कांग्रेस की सरकार बनते ही, कमलनाथ के लिए बढ़ रही हैं ‘मुसीबतें’ सचिवालय में वंदेमातरम न होने पर घिर गई एमपी कांग्रेस सरकार, सफाई में कहा था बदलेंगे स्वरूप मीसाबंदियों की पेंशन मामले ने और बढ़ा दी मुसीबत, बीजेपी ने कर ली बैठक असामाजिक तत्वों ने उद्घाटन पट्टी में शिवराज के नाम पर पोत दिया पेंट, बढ़ा बवाल भोपाल मध्य प्रदेश में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस को सत्ता की कमान मिली है। ऐसे में लोक लुभावन चुनावी वादे पूरे करने के अभियान में कांग्रेस तेजी ला पाती कि उससे पहले ही विवाद जोर पकड़ने लगे हैं। यही नहीं, विपक्षी दल को हाथोंहाथ ऐसे मुद्दे सौंपे जा रहे हैं, जो मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुसीबत तो बढ़ाएंगे ही साथ ही सरकार की छवि पर भी असर डालेंगे, इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।
राज्य की सत्ता में बदलाव 11 दिसंबर को ही हो गया था लेकिन बतौर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कमान 17 दिसंबर को संभाली। उन्होंने शपथ लेते ही किसानों की कर्जमाफी सहित कई बड़े फैसले लिए। उसके बाद मंत्रिमंडल चयन, विभाग वितरण, नए मुख्य सचिव के चयन में काफी माथापच्ची हुई। सरकार का काम रफ्तार पकड़ पाता कि उससे पहले वल्लभ भवन के उद्यान में होने वाले वंदेमातरम पर अस्थायी रोक का विवाद पैदा हो गया। इतना ही नहीं, अब मीसाबंदी सम्मान निधि (पेंशन) के फिर से निर्धारण और अब भोपाल के पुल पर लगी उद्घाटन पट्टिका पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर रंग पोते जाने का मामला गरमा गया है।