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गजब की गाय-घी के लिए 2 माह की वेटिंग, कीमत डेढ़ हजार रुपए किलो

By SHUBHAM SHARMA

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ग्वालियर । ग्वालियर-चंबल संभाग में देशी गाय का शुद्ध घी दुर्लभ हो गया है। इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका उत्पादन उतना नहीं हो पा रहा है। हालत यह है कि शुद्ध देशी गाय के घी के लिए तीन-तीन माह की वेटिंग है। उसके बाद जो मिलेगा वह भी 1200 से 1500 रुपए किलो में लेना होगा। ग्वालियर के बिजौली क्षेत्र के पास मंगलपुरा में कमलसिंह गुर्जर की गोशाला, आरएसएस की केदारपुर गोशाला और शारदा बालग्राम में रखाल गीर गोशाला है। इन तीनों स्थानों पर शुद्ध देशी गायें हैं। यहां गाय के घी लेने जाने पर आपको टोकन नंबर देकर दो माह इंतजार करने को कहा जाएगा। शुद्ध देशी गाय के घी की डिमांड बढ़ने के कारण इसका आयुर्वेदिक औषधीय एवं हवन पूजन में उपयोग किया जाना बताया जा रहा है। बढ़ती मांग और देशी गो पालक कम होने के कारण यह स्थिति बनी है।

22 से 25 लीटर में निकलता है एक किलो घी

शुद्ध देशी गाय के दूध में फैट बहुत कम होता है। गाय के 22 से 25 लीटर दूध का दही जमाने के बाद उससे मक्खन निकाला जाता है। इस मक्खन को गर्म करने के बाद एक किलो घी निकल पाता है, जबकि भैंस के 12-15 लीटर दूध में ही एक किलो घी निकल आता है। भैंस के घी में अत्याकि कोलेस्ट्रॉल होता है।

फिर गाय का घी चाहिए तो इंतजार करो

मेरे पास 10 शुद्ध देशी गिर गाय हैं, देशी गाय के घी की बहुत डिमांड है, हम लोगों को 1200 किलो में घी सप्लाई करते है। फिलहाल तो दो माह की एडवांस बुकिंग चल रही है – कमलसिंह गुर्जर, गो-डेयरी संचालक और जैविक किसान मंगलपुरा खाने के लिए नहीं, सिर्फ दवाई के लिए देंगे हमारे यहां से दवाइयों और पूजा के लिए घी दिया जाता है, एक व्यक्ति को आधा से 1 किलो तक ही दे पाते हैं, जिससे सभी की जरूरत पूरी हो सके। हमारे यहां पर घी लेने के लिए 45 से 60 दिन पहले बुकिंग करानी पड़ती है – वेदपाल झा, केदारपुर गोशाला

माफ कीजिए घी नहीं है

शारदा बालग्राम में शुद्ध देशी गिर गाय पाली गईं हैं, हमारे यहां पर जो भी दूध और घी होता है वह हम अपने यहां बच्चों को देते हैं, लेकिन हमारे पास प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों के फोन घी के लिए आते हैं। हम उनसे क्षमा मांग लेते हैं – मनीष महाराज प्राचार्य, शारदा बालग्राम

शुद्ध देशी गाय से किया गया यज्ञ होता है सफल

शुद्ध देशी गाय के घी की हवन, पूजा और यज्ञ में आहुति देने से बहुतबड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण होता है। इससे वातावरण भी शुद्ध होता है साथ ही घी के प्रभाव से कीटाणुओं का भी नाश होता है – अच्युतानंद महाराज, महंत 165 कुण्डीय रूद्र महायज्ञ ग्वालियरकई बीमारियों में कारगरआयुर्वेदिक उपचार में देशी गाय के घी का बहुत महत्व है। इसका उपयोग पीलिया, हार्ट, किडनी, डिप्रेशन, माइग्रेन सहित कई गंभीर बीमारियों के इलाज में करते हैं – महेश शर्मा, प्राचार्य आयुर्वेदिक कालेज, ग्वालियरकैसे पहचानें देशी गाय– भारत में 47 नस्ल की देशी गायें पाई जाती हैं, देशी गाय की पहचान उसके पीठ पर उठे कूबड़ (शिवलिंग) से होती है।

– भारतीय नस्ल की सभी 47 प्रजाति की देशी गायों में यह कूबड़ (शिवलिंग) पाया जाता है, जबकि फ्रीजन, होस्टन सहित अन्य विदेशी गायों में यह शिवलिंग नहीं होता है।

– गर्म होते ही देशी गाय का घी सोने की तरह पीला हो जाता है।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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