उज्जैन (Ujjain News) : 59 वर्षीय टीआई यशवंत की ड्यूटी अम्बर कालोनी कंटेनमेंट एरिया में लगी हुई थी जहां वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. यशवंत पाल का इलाज इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा था जहां आज 21 अप्रैल की सुबह 5:10 मिनट पर उनकी मौत हो गयी.
इंदौर: उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल की कोरोना से मौत हो गई. 59 वर्षीय यशवंत की ड्यूटी अम्बर कालोनी कंटेनमेंट एरिया में लगी हुई थी जहां वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. यशवंत पाल का इलाज इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा था जहां आज 21 अप्रैल की सुबह 5:10 मिनट पर उनकी मौत हो गयी.
अरविंदो हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने उनकी मौत पर दुख जताते हुए बताया कि उन्हें आज से 10 दिन पहले सीरियस कंडीशन में यहां लाया गया था. उस समय उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ थी.
उन्होंने बताया कि यशपाल के शरीर मेंऑक्सीजन का रेशों भी 60% था और निरंतर इलाज के बाद भी उनमें कोई इंप्रूवमेंट नहीं आया.
डॉ. विनोद भंडारी के मुताबिक उन्हें काफी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रक्ट सिंड्रोम था जिसके लिए यशपाल को 48 घंटे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था. डॉक्टर ने कहा, ”हर संभव प्रयास के बाद भी हम उन्हें बचा नहीं पाए.”
मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट करके दुख जताया है. उन्होंने लिखा, ”दु:ख की इस घड़ी में दिवंगत यशवंत पाल जी के परिवार के साथ मैं व पूरा प्रदेश खड़ा है. शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपए, असाधारण पेंशन, बेटी फाल्गुनी को उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति व स्व.पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जायेगा.”
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पुलिसकर्मी की मौत पर शोक जताया है. कमलनाथ ने लिखा, ”मैं आज एक बार फिर सरकार से यह मांग कर रहा हूं कि जनता की सुरक्षा के लिये अपनी जान को जोखिम में डाल, फील्ड में काम कर रहे डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस कर्मी, मेडिकल स्टाफ़, आशा कार्यकर्ता, अधिकारी-कर्मचारीगण ही जिस प्रकार से बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित होते जा रहे हैं, सभी को तत्काल पीपीई किट, मास्क से लेकर सुरक्षा के आवश्यक सारे संसाधन उपलब्ध कराये जायें. यह कर्मवीर योद्धा ही जब सुरक्षित नहीं रह पायेंगे, तो यह आमजन की सुरक्षा कैसे कर पायेंगे.”