MP WEATHER UPDATE: मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट आज लगातार चौथा दिन जारी है। भोपाल में सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे लोगों को आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
शिवपुरी के चितौरा गांव में बारिश का पानी घरों में घुस गया है, जिससे वहां के निवासियों को भारी परेशानी हो रही है। गांव वालों का कहना है, “यहां सड़क तो बना दी गई, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई। जब भी भारी बारिश होती है, तो हमारे घरों में पानी भर जाता है।”
भिंड के मेहगांव क्षेत्र में बेसली नदी तीन दिन से उफान पर है। इसका पानी गाता, गुदावाली और गेटोर गांवों की सीमा तक पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने से गांवों के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
भोपाल स्थित मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश में दो मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बना हुआ है, जबकि दूसरा सिस्टम भी सक्रिय है। इन सिस्टम के कारण अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो रही है और आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। आज इंदौर संभाग के जिलों के साथ ही छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सागर, शाजापुर, राजगढ़, निवाड़ी और सिवनी में भारी बारिश की संभावना है।
भोपाल के बड़े तालाब का जलस्तर बढ़ा
भोपाल में बड़ा तालाब का जलस्तर 1658.80 फीट तक पहुंच गया है। कोलांस नदी के बहाव के कारण जलस्तर बढ़ा है। कैचमेंट एरिया और सीहोर जिले में अच्छी बारिश ने बड़ा तालाब के जलस्तर में बढ़ोतरी की है। सोमवार सुबह भी कैचमेंट एरिया में बारिश हुई। शहर में सुबह से ही तेज बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इंदौर मौसम: बारिश की कमी
इसके विपरीत इंदौर में जुलाई का पहला सप्ताह सूखा रहा है। हालांकि बादल तो रोजाना छाए रहे, लेकिन सप्ताह के चार दिन हल्की बारिश ही हुई। इस सप्ताह आधे इंच से भी कम बारिश हुई है। इस सीजन में अब तक सिर्फ 4 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल 7 जुलाई तक 9 इंच बारिश हुई थी। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अगले दो-तीन दिन भी मौसम ऐसा ही रहेगा, हल्की बारिश की संभावना है।
अन्य जिलों की स्थिति
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्वालियर में तिघरा बांध का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। चंबल के कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है।
रायसेन में भी भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। वहीं, जबलपुर में भी लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में भी भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। सागर और टीकमगढ़ जिलों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। यहां के किसानों की फसलें पानी में डूब गई हैं।
मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रायसेन, और चंबल क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
भारी बारिश से बचाव के उपाय
- सुरक्षित स्थानों पर रहें: नदियों और तालाबों के किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
- वाहनों का उपयोग सावधानी से करें: बारिश के दौरान अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और जलभराव वाले क्षेत्रों में गाड़ी न चलाएं।
- बिजली के उपकरणों से सावधानी बरतें: बिजली के उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें और बिजली के खंभों से दूर रहें।
- जलजमाव से बचें: घरों के आस-पास जलनिकासी की व्यवस्था करें और पानी जमा न होने दें।
- स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें: स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में मदद के लिए प्रशासन से संपर्क करें।