सीधी, मध्यप्रदेश: माँ को भगवान दर्जा ऐसे ही नहीं दिया गया, कहते है मां की अपने बच्चो के प्रति रहने वाली ममता यमराज को भी पछाड़ सकती है। हालांकि सुनने में यह तो एक कहावत ही लगेगी पर आज आपको ऐसी मां के बारे में बताते है जो इस कहावत को सच्चाई में उतारती है ।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक 8 वर्षीय बच्चे पर जब तेंदुए ने हमला किया और बच्चे को अपने जबड़े में फसाकर भाग रहा था, उसी समय उस बालक की मां की नजर जब तेंदुए और उस बालक पर पड़ी तो उस मां के होश उड़ चुके थे ।
ऐसा नजारा देखने के बाद भी मां ने समय लगाए बिना अपने आप को कमजोर ना बनाते हुए खूंखार आदमखोर तेंदुए से अपने बच्चे को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ पड़ी।
जब मां अपने बच्चे को बचाने तेंदुए के पास पहुंची तो तेंदुआ बच्चे को लेकर भागता चला जा रहा था, मां भी अपने बच्चे को बचाने के लिए तेंदुए के पास भागती चली गयी।
तेंदुए ओर मां के बीच इस 1 किलोमीटर के संघर्ष मे 2 बार तेंदुए ने उस मां पर भी हमला किया, मां पर 2 बार तेंदुए के हमले किये जाने पर भी मां की ममता कैसे मानती , मां फिर भी अपने बच्चे को बचाने के लिए लगातर संघर्ष करती रही ।
मां की पहचान किरण बेगा के रूप में हुई , घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले की है , शाम करीब सात बजे किरण बेगा काम कर रही थी, जबकि उसका पति शंकर बेगा किसी काम से बाहर था।तेंदुए ने किरण पर हमला किया और उसके पास बैठे उसके 6 साल के बेटे को उठा लिया।
लेकिन साहसी माँ ने हार नहीं मानी और आदमखोर के पीछे भागने का फैसला किया, जिसे मजबूर होकर बच्चे को छोड़कर अपनी जान बचानी पड़ी। घटना में मां-बच्चे को कुछ चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए कुसमी सरकारी अस्पताल ले जाया गया
घटना जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरे तोमसर रेंज के बरिझरिया गांव के संजय टाइगर बफर जोन में हुई.
मीडिया से बात करते हुए किरण ने कहा, ‘मैंने तेंदुआ को मेरे बेटे को उठाते देखा। मैं तेजी से तेंदुए के पीछे भागा और करीब 1 किमी तक पीछा किया। तेंदुआ मेरे बेटे को मुंह में दबाए हुए था। मैंने पीछा करते हुए तेंदुए पर लाठियां बरसाना शुरू कर दीं।
उस बदमाश को मेरे बच्चे को बीच में छोड़कर भागना पड़ा क्योंकि मेरी आवाज सुनकर कई लोग अपने घरों से बाहर आ गए। मुझे हिम्मत दिखानी थी नहीं तो मुझे अपना बच्चा कभी वापस नहीं मिलता।
तेंदुए ने महिला पर हमला करने की भी कोशिश की, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं कर सका क्योंकि ग्रामीणों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया और जानवर को भगा दिया।
सूचना मिलने के बाद संजय टाइगर रिजर्व वन विभाग ने फौरन एक टीम भेजी और सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया.