भोपाल/सिवनी अतिथि शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है| अतिथि शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध करेंगे और दुबारा शिवराज सरकार नहीं बनने देंगे| पिछले 10 वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षक अपने नियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को कई बार ज्ञापन व पत्र प्रदेश समिति ने सौंपे चुके और कई बार मुख्यमंत्री ने नियमित करने की घोषणा भी की लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं किया गया। इसलिए प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षक 28 व 29 दिसम्बर को भोपाल के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं| इस बार अतिथि शिक्षकों के साथ आंगनबाड़ी कर्मियों के नियमतीकरण की मांगों को लेकर भी आंदोलन हो रहा है| दो दिवसीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ नींद हराम आंदोलन का शंखनाद हो चुका है| हजारों की संख्या में भीड़ मैदान में जुटी है और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है| समिति के प्रदेशाध्यक्ष शंभूचरण दुबे ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों को दो दिन में नहीं मानी तो जल सत्याग्रह या जल समाधि लेने पर उतारू होंगे। उनका कहना है कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा में कार्यरत 1,72,000 अतिथि शिक्षक को 2400 रुपए प्रतिमाह का वेतनमान दिया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका को 5 हजार या 2500 न्यूनतम वेतन देकर शोषण किया जा रहा है। इस दो दिन के आंदोलन में पूरे प्रदेश से लाखों की संख्या में अतिथि शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशाकर्मी शामिल होंगी।
बातचीत से निकालेंगे हल : शिक्षा मंत्री
अतिथि शिक्षकों के आंदोलन पर शिक्षा मंत्री दीपक जोशी का बयान सामने आया है| उन्होंने कहा है कि आंदोलन करने से नहीं बातचीत से ही हल निकालेंगे| 10 सालों से काम कर रहे अतिथि शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने को लेकर विचार चल रहा है| हम बात चीत कर धरना दे रहे अतिथी शिक्षको को समझायेंगे|