“हकीकत जानने के लिए पूरा पढ़ें,एवं ज्यादा से ज्यादा शेयर करें,ताकि जो SP महोदय ने किया वो सभी आम जनता भी करे”
जिला छतरपुर म।प्र। जी हाँ यहाँ बात हो रही है छतरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक महोदय “विनीत खन्ना जी” की जिन्होंने आज से कुछ दिन पहले एक महिला जो की एम् पी एन खरे जी के अस्पताल में भर्ती थी,के लिए स्वयं रक्तदान किया था,जो की बाद में किसी कारणवश किसी और मरीज के काम आया था।
इसी के चलते आज से कुछ दिन पूर्व 03/जनवरी/2018 की सुबह प्रदीप पाठक ने सिर्फ रक्तदान से सम्बंधित व्हाट्सएप्प ग्रुप “रक्त हर वक्त” में एक गर्भवती महिला मरीज को रक्त संबंधी जरूरत की पोस्ट डाली और पोस्ट डालने के 10 मिनट के अंदर ही ग्रुप में जुड़े छतरपुर पुलिस अधीक्षक महोदय ने पोस्ट पढ़ी और बड़े ही सहज और सरल तरह से ग्रुप में ही मरीज के परिजन से जरूरत की हकीकत और मरीज की पूरी जानकारी ली और आधे घंटे के अंदर अपने बेटे,बेटी और भतीज के साथ जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक पहुँच गए
बेटे विहित खन्ना(O+),बेटी आर्ची खन्ना(B+) एवं भतीजे हृदयांश खन्ना(O-ve) तीनो ने रक्तदान किया,तीनो ने रक्तदान के सम्बन्ध में अपने अपने विचार रखे,तीनो ने और भी युवाओं से रक्तदान करने की अपील की और तीनो बहुत खुश थे।।
रक्तदान के कुछ देर बाद ही SP साहब ने ग्रुप के माध्यम से मरीज एवं मरीज के नवजात शिशु की स्थिति जानी महिला के पति अजीत ने बताया की पत्नी किरण ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया और माँ व् बच्चा दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं साथ ही अजीत ने ये भी आस्वस्त किया की भविष्य में जब भी उनके रक्त की आवश्यकता को उन्हें तुरंत जानकारी दी जाए वे भी रक्तदान करेंगे।
अब बस एक आखिरी और छोटी सी बात सभी पाठकों के लिए “जब एक उच्च शिक्षित प्रशाशनिक अधिकारी जिस पर लाखों की जनसंख्या वाले जिले की जनता की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी हो,वो व्यक्ति एक साधारण से सूचना एवं साधारण से ग्रुप पर भी इतनी बारीकी से नजर रख सकता है,साथ ही मानवता के प्रति इतना सजग की बिना किसी समय गंबायें स्वयं अपने बच्चों को रक्तदान कर जीवन बचाने के लिए भेज सकता है
तो हमें किस बात की देर है?
क्या हम उस प्रशानिक अधिकारी से ज्यादा पड़े लिखे और समझदार हैं?
क्या हमारे ऊपर उनसे ज्यादा व्यस्तता है?
क्या हमारे ऊपर उनसे ज्यादा जिम्मेदारी है?
क्या हमारे बच्चे और SP साहब के बच्चे कुछ अलग खाते पीते हैं?
क्या हम सिर्फ देश सुधारने के लिए दूसरों के बच्चों को ही ज्ञान देते रहेंगे??
क्या मानवता के प्रति सिर्फ *पुलिस अधीक्षक महोदय* की जिम्मेदारी है?
*शिक्षा विभाग?*
*यातायात विभाग?*
*जल विभाग?*
*बिजली विभाग?*
*चिकित्सा विभाग*
एवं अन्य सरकारी और प्राइवेट विभागों की कोई जिमेदारी नहीं है?
क्या हम “रक्तदान” करने के लिए हमेशा कोई न कोई नया बहाना बनाकर रक्तदान करने से बचते रहेंगे?
आप सभी भी पुलिस अधीक्षक महोदय जैसी शिक्षा अपने बच्चों को दें,क्योंकि
जो आज आप देंगे,वही कल आपको वापस मिलेगा।।