मध्यप्रदेश: शिवपुरी जिले (Shivpuri) में तेजी से बढ़ते कोरोना आंकड़ों को देखते हुए शिवपुरी जिला कलेक्टर ने कोरोना कर्फ्यू 7 मई तक बढ़ा दिया है साथ ही शिवपुरी कलेक्टर (Shivpuri Collector) के जारी आदेश में एक तरफ जहां एम्बुलेंस और मालवाहक वाहनों को प्रवेश के लिए छूट दी गई है इसके साथ वही दूसरी तरफ जिलांतर्गत नगरीय क्षेत्र के समस्त पेट्रोल पंप कोरोना कर्फ्यू अवधि के दौरान पूर्णतः बंद रहेंगे उल्लेखित है ।
इतना ही नहीं मेडीकल इमरजेंसी एवं अन्य अत्यावश्यक सेवाओं के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बाद ही पेट्रोल पंप से ईंधन प्रदाय किया जा सकेगा।
अब यह सवाल खड़ा होता है कि मेडीकल इमरजेंसी से पहले परिजनों को कलेक्टर साहब से अनुमति लेनी होगी, यदि इस पूरी प्रक्रिया में कोई मेडिकल इमरजेंसी में फंसे किसी मरीज की मौत हो जाती है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? वहीं जब पेट्रोल पंप बन्द रहेंगे तो पानी केम्पर सप्लायर, पानी टैंकर सप्लायर, निजी एम्बुलेंस ,लोडिंग वाहन या तो सेवाएं बन्द कर देंगे या फिर मनमानी दरों पर सेवाएं देकर नागरिकों की जेबो पर डाका डालेंगे ऐसे में सवाल खड़ा होना जायज है कि क्या शिवपुरी कलेक्टर का यह आदेश जनता की मुसीबत नहीं बढाएगा..?
दरअसल प्रदेश में कोविड-19 महामारी संक्रमण में निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए शिवपुरी कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
जिसके तहत संपूर्ण जिले में 07 मई (शुक्रवार) सांय 06 बजे तक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। उक्त समयावधि के दौरान अति आवश्यक गतिविधियों (चिकित्सीय आकस्मिकता) को छोड़कर आमजन का आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
जारी आदेश के तहत अंतर्राज्यीय आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा तथा अन्य सीमावर्ती जिलों से आवागमन करने वाले व्यक्तियों को जिले की सीमा में प्रवेश करने पर कोविड-19 रिपोर्ट (नेगेटिव) दिखाया जाना अनिवार्य होगा। इस संबंध में एम्बुलेंस, मालवाहक वाहनों को प्रवेश के लिए छूट रहेगी।
जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों में जनसुनवाई कार्यक्रम एवं राजस्व न्यायालय संबंधी कार्य आगामी आदेश तक के लिये स्थगित रहेगा।
वही शिवपुरी कलेक्टर के आदेश में हाथ ठेला के माध्यम से सब्जी, फल, राशन सामग्री, ब्रेड की होम डिलेवरी सप्ताह में केवल सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को अनुज्ञेय रहेगी। जिले में समस्त निजी निर्माण कार्यों के लिए व्यक्ति, मजदूर आदि का आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
किन्तु निर्माण स्थल पर ही रहकर कार्य करने वालों के लिये यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत एवं महामारी अधिनियम 1897 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।