हथियारों में घिरी प्रज्ञा! साध्वी के समर्थन में आई उषा कहा हमारे देवी देवता भी हथियार रखते थे

By SHUBHAM SHARMA

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भोपाल: (संजना प्रियानी) – मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में आती रहती हैं. एक बार फिर वह अपने विवादित बयानों को लेकर मुसीबत में फंसती जा रही हैं दरअसल, कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा में उनके खिलाफ FIR दर्ज कि गई है वहां की पुलिस ने उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है.

हालांकि, विवादित बयानों के लिए लोगों की नजरों में आना उनके लिए कोई नहीं बात नहीं है कई बार साध्वी ने विवादित बयान दिए साध्वी ने मालेगांव ब्लास्ट के शहीद हेमंत करकरे का दिया था श्राप इस बयान पर तूल पकड़ता देख बाद में साध्वी ने माफ़ी भी मांगी थी.

असल में साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से जो बयान दिया, वह विवादित हो गया. साध्वी ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर ये बयान दिया था.

साध्वी ने कहा था कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था, जिसके कारण करकरे की आतंकवादी हमले में मौत हो गई.अपने इस बयान पर साध्वी ने बाद में माफी मांग ली थी.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने करकरे के खिलाफ बयान देने के बाद बाबरी ढांचे को ढहाने में शामिल होने का बयान देकर सबको चौंका दिया. प्रज्ञा ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. उनके बयान पर मचे शोर के बाद बीजेपी ने प्रज्ञा को चुप रहने तक की सलाह दी थी. पार्टी ने साध्वी को अनुशासित रहने को कहा और चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया था.

प्रज्ञा सिंह ठाकुर यहीं नहीं रुकी वह लगातार अपने विवादित बयान देती रही साध्वी ने लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण से पहले प्रचार के दौरान अभिनेता से नेता बने मक्कल नीधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन के ‘देश का पहला आतंकी हिंदू था’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था.

उन्होंने कहा था – गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. गोडसे को आतंकवादी कहने वाले स्वयं के गिरेबां में झांककर देखें…चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा. उनके इस बयान पर कुछ ही देर बाद पार्टी ने किनारा कर लिया और कड़ी निंदा करते हुए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की हिदायत दे डाली थी.

इसी तरह साध्वी प्रज्ञा ने मध्‍य प्रदेश के सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान धर्मशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि जब हम किसी क्षत्रिय को क्षत्रिय कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी ब्राह्मण को ब्राह्मण कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी वैश्य को वैश्य कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है, लेकिन यदि हम किसी शुद्र को शुद्र कहते हैं तो वह बुरा मान जाता है. कारण क्या है? क्योंकि वे बात को समझते नहीं हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और बाबूलाल गौर के निधन के बाद साध्वी प्रज्ञा ने ऐसा बयान दिया था, जिसकी ख़ूब चर्चा हुई थी। प्रज्ञा ने कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की एक के बाद एक हो रही मौतों के पीछे विपक्ष का हाथ है और वह कोई ‘मारक शक्ति’ का उपयोग कर रहा है।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताने वाला बयान दिया था. उन्होंने यह बयान सीहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए दिया था , हाल ही में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कर्नाटक के शिमोगा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था – “अपने घरों में हथियार रखो और कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू जरा तेज रखो, स्पष्ट बोल रही हूं कि हमारे घरों में भी सब्जी काटने के लिए हथियार तेज होना चाहिए. …..ता नहीं कब कैसा मौका आए. धारदार… पता नहीं क्या स्थिति पैदा हो जाए. अगर हमारी सब्जी अच्छे से कटेगी तो हमारे दुश्मनों के सिर भी अच्छे से कटेंगे.” इस मामले में शिवमोगा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान का शिवराज सरकार की मंत्री उषा ठाकुर ने किया समर्थन उषा ठाकुर ठाकुर ने कहा की देवी देवता भी हथियार रखते थे और जनता को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखाना में कोई बुराई नहीं है ऐसे विवादित बयानों पर शिवराज सरकार किस तरह अपना दमन बचाती है या प्रज्ञा को फिर अनुशाषित रहने की सलाह दी जाएगी

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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