भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से संवाद कर प्रदेश के जिलों में कोविड की स्थिति, किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेकर उनके सुझाव प्राप्त किए।
उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे चली वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि वर्तमान में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की लहर पूरे विश्व में चल रही है। इसकी आक्रामकता अधिक नहीं है। लेकिन हमें सावधान और सजग रहना है। साथ ही सभी व्यवस्थाएँ चाक चौबंद रहें, यह बहुत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कलेक्टर इंदौर से चर्चा की। इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा नगर है, जहाँ प्रदेश के नए पॉजिटिव रोगियों में से एक तिहाई रोगी सामने आए हैं। उन्होंने इंदौर के अस्पतालों में किए गए प्रबंध की जानकारी ली। इंदौर में निजी तौर पर अधिक टेस्ट की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए यदि प्रायवेट रूप से टेस्ट हों तो उन्हें भी रिकॉर्ड में लिया जाए।
उन्होंने भोपाल कलेक्टर से व्यवस्थाओं की जानकारी ली। कलेक्टर भोपाल ने बताया कि प्रतिदिन पॉजिटिव रोगियों की सूची आते ही तत्काल उनके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाते हैं।
शत-प्रतिशत पॉजिटिव रोगियों को मेडिकल किट प्रदान की जाती है। उन्हें समझाइश का पेंपलेट भी देते हैं। उनसे चिकित्सक फोन से संपर्क में रहते हैं। मुख्यमंत्री ने सागर, उज्जैन, सीधी, रीवा, ग्वालियर, जबलपुर, पन्ना, बड़वानी, विदिशा, भिण्ड, श्यौपुर और मण्डला के कलेक्टर से भी चर्चा की।
सार्वजनिक स्थानों पर हो टेस्ट की व्यवस्था
मुख्यमंत्री चौहान ने टेस्ट बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड और एयरपोर्ट पर टेस्टिंग की व्यवस्था रहे। होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों से बात की जाए। निजी अस्पतालों को मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में अनुबंधित रखा जाए। निजी अस्प्ताल के लिए जो पैकेज तय किया गया है उससे ज्यादा पैसे अस्पताल प्रबंधन न ले। ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध और क्रियाशील रहें।
एक महीने की दवाइयों की व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि टेस्ट, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, पॉजिटिव आने पर होम आयसोलेशन, मेडिकल किट वितरण, आवश्यकता पड़ने पर एंबूलेंस की व्यवस्था, कोविड केयर सेंटर में भर्ती करते हैं तो ऑक्सीजन की व्यवस्था, दवाइयों की व्यवस्था, टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन कर जनता को तीसरी लहर से सुरक्षित निकाल कर ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान जन-प्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड आदि पर टेस्टिंग के प्रबंधन हों। जन-प्रतिनिधि औषधियों की व्यवस्था स्वयं देखें। एक माह का स्टॉक रखें। प्रत्येक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों को सक्रिय, सजग रहना है।
अन्य व्याधियों से ग्रस्त किसी रोगी की स्थिति गंभीर है तो एम्बूलेंस तैयार रखी जाए। इससे समय पर अस्पताल में भर्ती करने का कार्य हो सकेगा। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर भरे रहें, यह सुनिश्चित करें। भर्ती रोगियों से सदैव संवाद बनाए रखें। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग होती रहे।
कोविड अनुकूल व्यवहार सुनिश्चित करें। शाला त्यागी बच्चों को भी वैक्सीन लगे। जिलों में कोविड कमांड सेंटर्स की व्यवस्थाएँ देख लें, जन-प्रतिनिधि प्रतिदिन इन केन्द्रों को देखने का समय निकालें। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी को कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में पुन: टीकाकरण कार्य और कोरोना संक्रमण नियंत्रण एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
- – कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी, प्रायवेट स्कूल 15 जनवरी से 31 जनवरी तक बंद रहेंगे।
- – राज्य में किसी तरह के मेले नहीं लगेंगे।
- – सब रैलियाँ और सभाएँ प्रतिबंधित रहेंगी।
- – हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत से कम की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम हो सकेंगे।
- – सभी मनोरंजन के कार्यक्रम में अधिकतम 250 व्यक्ति रहेंगे।
- – बड़ी सभाएँ और आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे।
- – सभी प्रकार की खेल गतिविधियाँ स्टेडियम की 50 प्रतिशत से खिलाड़ी रहेंगे।
- – प्री बोर्ड परीक्षाएँ जो 20 जनवरी से थीं, इन्हें टेक होम एग्जाम के रूप में किया जाएगा।
- – नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा।
- – अंत्येष्टि आदि में हिस्सा लेने के लिए 50 लोगों की ही सीमा रहेगी।
- – कहीं भी बाजार बंद नहीं होंगे। आर्थिक गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
- – सामाजिक दूरी बनाए रखें। सभी लोग फेस मॉस्क का उपयोग करें।
- सार्वजनिक स्थान पर इसका उपयोग अनिवार्य है। फेस मॉस्क का उपयोग न करने पर जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी।