
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिये विशेषज्ञों की सीधी भर्त्ती करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा है कि बेहतर स्वास्थ्य लोगों का अधिकार हो, इसके लिये ..राइट टू हेल्थ.. की दिशा में विचार किया जाये। मुख्यमंत्री श्री नाथ ब्रहस्पतिवार को मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि मरीजों की विशेषकर, ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों की सुविधा को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के उपलब्ध रहने का समय पूर्वान्ह 09 बजे से अपरान्ह 04 बजे तक निर्धारित किया जाना चाहिये। उन्होंने मरीजों की सुविधा के लिये अस्पताल परिसर में निजि भागीदारी में डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करने को कहा।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक से अधिक कॉर्पाेरेट – सोशल रेस्पांसिबिलिटी फण्ड लाने की दिशा में विशेष प्रयास करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सूचकांकों के बीच के अंतर को समाप्त करने के लिये लक्ष्य और समय आधारित रणनीति बनायी जाये। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल कर परिणाम आधारित योजनाएं बनायें। मुख्यमंत्री ने निजि नर्सिंग कॉलेजों में फेकल्टी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
कमल नाथ ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि डॉक्टर्स अस्पतालों में समय पर उपलब्ध हों और विशेषज्ञों की सेवाएं मरीजों को मिले। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मध्य प्रदेश के लिये जरूरी है कि स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं का हर स्तर पर उन्नयन कर उन्हें बेहतर बनाया जाये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एम.डी. पीएस वेब सर्विस का शुभारंभ किया।
बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमति पल्लवी जैन गोविल, सचिव राजीव दुबे एवं स्वास्थ्य आयुक्त नीतेश व्यास उपस्थित थे।