White LED headlights: हेलमेट और सीट-बेल्ट चेकिंग के अलावा, भारत में ट्रैफिक पुलिस मॉडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करना भूल गई है। हाल ही में, भोपाल में लगभग 47% कार मालिकों ने पीले रंग के एलईडी हेडलैंप को हटाकर सफेद एलईडी हेडलाइट्स लगा ली हैं, जो रात में सामने से आने वाले वहां चालकों को एक प्रकार से अंधा ही कर देती है।
सफेद एलईडी हेडलाइट (White LED headlights) के ट्रेंड के कारण अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां डिवाइडर या तो अनुपस्थित हैं या इतने बड़े नहीं हैं कि विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों की हेडलाइट्स को रोक सकें।
मध्यप्रदेश के भोपाल की बात करें तो इस साल जुलाई तक रात में खराब दृश्यता के कारण शहर में करीब 58 दुर्घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पुलिस ने इस साल जुलाई तक 21 संशोधित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की, जिनमें से सभी दोपहिया वाहन थे। ऐसे चार पहिया वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दरअसल, मध्यप्रदेश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कारों में सफ़ेद एलईडी हेडलाइट लगाने पर रोक लगाता हो, जबकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाहनों का संशोधन दंडनीय अपराध है। अप्रैल 2024 में, गुजरात कारों में सफ़ेद एलईडी लाइट लगाने पर रोक लगाने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया।
सफेद एलईडी हेडलाइट (White LED headlights) की शुरुआत कैसे हुई?
मध्यप्रदेश के भोपाल में ऑटोमोबाइल शोरूम मालिकों ने बताया कि सफ़ेद एलईडी हेडलाइट लगाने का चलन एसयूवी से शुरू हुआ। धीरे-धीरे यह चलन चार पहिया वाहन चलाने वालों में भी बढ़ने लगा और उन्होंने भी अपनी कारों में हेडलाइट लगाना शुरू कर दिया।