Natheshwar Baba: बागेश्वर बाबा के बाद अब नाथेश्वर बाबा की एंट्री! पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तर्ज पर ही लगाया दिव्य दरबार, अर्जी लगाने के लिए उमड़े श्रद्धालु 

By Anshul Sahu

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Natheshwar-Baba

Natheshwar Baba: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) द्वारा लगाए जाने वाले दिव्य दरबार की चर्चा देश विदेश में हो रही है। इसी तरह, सागर के पहलवान बाबा मंदिर (Pehalwan Baba Mandir) में एक और बाबा ने दिव्य दरबार की स्थापना की है।

इस दरबार में एक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया है। मंदिर के अंदर जाने के बाद, कुछ लोग मंदिर के बाहर खड़े होकर अपनी याचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

इस दरबार में, नाथेश्वर सरकार (Natheshwar Baba) के प्रमुख ओंकार महाराज ने लोगों की समस्याओं को नोट किया और उन्हें हल करने के लिए उपाय भी बताए। ओंकार महाराज के दरबार में भी बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तर्ज पर ही काम हुआ।

यहां, लोगों ने एक थैले में गदा रखा, राम नाम का जाप किया, उन्हें नाम लेकर बुलाया, पर्चे पर समस्याओं को लिखा, उनसे सवाल पूछा और जब उत्तर पर्चे में आया तो उन्हें बालाजी की कृपा और आशीर्वाद दिया। इस तरह का नजार यहां भी देखने को मिला.

Natheshwar Baba पर श्री बालाजी की कृपा…

ओंकार महाराज कहते हैं कि पंडोखर सरकार, बागेश्वर सरकार और नाथेश्वर सरकार सब एक ही हैं, क्योंकि सभी पर श्री बालाजी की कृपा है। दो दिवसीय दिव्य दरबार में पहली अर्जी शेफाली मिश्रा के नाम से स्वीकृत हुई।

उन्हें सामने बुलाया गया और प्रश्न पूछे गए, जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले 3 सालों से उनकी सेहत खराब रही है और क्या उन्हें नौकरी मिलेगी या नहीं?

इस तरह की पर्ची बनाई गई

पर्ची में यही प्रश्न लिखा था और उन्होंने बताया कि नौकरी मिलने का योग नहीं बन रहा है। जब शेफाली ने कहा कि नौकरी जरूरी है, तो उन्होंने बताया कि श्री बालाजी की विशेष कृपा होने पर ही नौकरी मिल सकती है, क्योंकि अब बिल्कुल भी योग नहीं बचे हैं। हालांकि 6 साल पहले नौकरी के योग थे, लेकिन उस समय कुछ अंकों से रह गए थे, क्योंकि समय डिस्टर्ब हो गया था।

बेटी के स्वास्थ्य के मामले में भी सवाल उठा था। वे बताए कि इसके लिए समय लगेगा, लेकिन सब ठीक हो जाएगा। वे धाम पर पहुंचकर अपनी अर्जी को पेश करने का निर्देश देते हैं, लाल कपड़े में लॉन्ग और नारियल बांधकर। पहले दिन दिव्य दरबार में 16 लोगों की अर्जी स्वीकृति हुई और उनके लिए पर्ची तैयार की गई।

Anshul Sahu

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