MP VYAPAM GHOTALA: व्यापम घोटाले में सोमवार को भोपाल की सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। जज नीतिराज सिसोदिया ने यह आदेश दिया।
दोषी ठहराए गए ग्यारह लोगों में से छह वास्तविक उम्मीदवार थे और अन्य पांच की पहचान फर्जी उम्मीदवार के रूप में की गई।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2012 का आयोजन व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल-एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड-एमपीपीईबी) द्वारा किया गया था। लोकेंद्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव और विकास रावत नाम के छह अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करने वालों और बिचौलियों के जरिए भर्ती परीक्षा पास की थी।
मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (पीईबी) द्वारा 2012 और 2013 में आयोजित भर्ती परीक्षाओं के दौरान इनके स्थान पर अन्य अभ्यर्थी बैठे थे। इनका चयन हुआ और राज्य भर में विभिन्न इकाइयों में इनकी पोस्टिंग हुई।
लोकेन्द्र धाकड़ के स्थान पर हेमंत जाट, अविनाश जयंत के स्थान पर सर्वेश कुमार झा, राजेश प्रजापति के स्थान पर नरेश प्रजापति, भूरा रावत के स्थान पर रामवीर रावत, विकास रावत के स्थान पर हरिओम तोमर तथा राधेश्याम यादव के स्थान पर एक अज्ञात व्यक्ति परीक्षा में शामिल हुए।
शुरुआत में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया और आईपीसी की धारा 470, आईपीसी की धारा 480 और कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद, हाईकोर्ट के फैसले के बाद मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को भेज दिया गया, जिसने पूरक चालान पेश किया।