MP WEATHER UPDATE: मानसून का वर्तमान स्थिति, मध्य प्रदेश में 45 दिन पहले मानसून शुरू होने के बाद से राज्य में औसतन 24.4 इंच बारिश हुई है, जो मौसमी औसत का 65% है। भोपाल, मंडला, सिवनी और नर्मदापुरम सहित सात जिलों में 30 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसमें मंडला में सबसे अधिक 36.67 इंच बारिश हुई है।
आईएमडी की रिपोर्ट
आईएमडी भोपाल के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि मानसून की रेखा अभी मध्य प्रदेश के ऊपर है और एक पूर्व-पश्चिम रेखा भी मौजूद है। नतीजतन, आने वाले सप्ताह में भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं है। हालांकि, अभी भी गरज और बिजली गिरने की संभावना है, इसलिए लोगों को बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।
पिछले सप्ताह की स्थिति
पिछले हफ़्ते भारी बारिश के कारण राज्य में नदियां और बांध उफान पर हैं। बरगी, बाणसागर, कलियासोत और भदभदा जैसे बड़े बांध अपने गेटों से पानी छोड़ रहे हैं। जबलपुर का बरगी बांध 94% भर चुका है और 17 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है।
सिंध नदी में बचाव कार्य
शिवपुरी में सिंध नदी में पानी बढ़ने से 18 लोग टापू पर फंस गए। पुलिस और एसडीआरएफ ने दो घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें बचाया। सागर के बीना में गोधाम जलाशय में सेल्फी लेते समय दो लोग डूब गए। सतना में मकान ढहने से दिव्यांग की मौत हो गई, वहीं हरदा में जर्जर मकान की दीवार गिर गई। सागर के बीना और खुरई इलाके में भी मकानों में पानी भर गया।
भोपाल में बारिश की स्थिति
भोपाल में दिनभर हल्की बारिश हुई और शाम को कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई। नर्मदा समेत नदियां अभी भी उफान पर हैं।
भविष्य की संभावनाएं
आने वाले सप्ताह में राज्य में भारी बारिश की संभावना कम है। मानसून की रेखा राज्य से बाहर निकल जाने और चक्रवाती परिसंचरण के कमजोर होने के कारण मौसम में कुछ सुधार हो सकता है। हालांकि, लोगों को अभी भी सतर्क रहने और मौसम की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।
सुरक्षा उपाय
बिजली गिरने के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी चाहिए और खुले मैदान में जाने से बचना चाहिए। घरों में रहने के दौरान बिजली के उपकरणों का उपयोग सीमित करना चाहिए और सुरक्षित दूरी बनाए रखनी चाहिए।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने सलाह दी है कि राज्य के लोग मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा योजनाएं बनाएं और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें। मौसम की सटीक जानकारी के लिए आईएमडी के आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय समाचार चैनलों का नियमित निरीक्षण करें।