MP WEATHER: (मध्य प्रदेश मौसम समाचार) मध्यप्रदेश, भारत का हृदयभूमि, एक बार फिर से मौसम की चपेट में है। गुरुवार को नर्मदापुरम, बैतूल, भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। इस लेख में, हम जानेंगे कि यह तेज बारिश का दौर क्यों हो रहा है और इसके प्रभाव क्या हो सकते हैं।
MP WEATHER: मध्यप्रदेश में तेज बारिश का कारण
मध्यप्रदेश का मौसम हमेशा ही एक दिन में बदल सकता है। यहाँ के लोग वर्षा के मौसम का इंतजार करते हैं, क्योंकि यह खेतों को सजाने और पानी की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है। इसलिए, तेज बारिश का दौर एक महत्वपूर्ण घटना है जो इस प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
तेज बारिश के दौर का कारण है मौसम सिस्टम के बदलने में। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तरी ओडिशा के आसपास लो प्रेशर एरिया सक्रिय हुआ था, और साइकोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव हुआ है, जो अभी झारखंड के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय है।
यह उत्तर-पश्चिमी दिशा की ओर जा रहा था, जिससे नर्मदापुरम, भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में कहीं-कहीं बारिश हुई। इसके अलावा, वज्रपात की स्थिति भी रही, जिसने मौसम को और अधिक अस्थिर बना दिया।
तेज बारिश का दौर शुरू होने के बाद मध्यप्रदेश में गुरुवार को कई जिलों में तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम में 9 घंटे में 2.12 इंच बारिश हो गई। बैतूल में 1.45 इंच, भोपाल में 0.6 और शिवपुरी में 0.6 इंच पानी गिरा। सिवनी, पचमढ़ी और मलांजखंड में भी बारिश हुई। रात में कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश दर्ज की गई। वहीं, राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह 4.00 बजे से अलग-अलग इलाकों में बारिश हो रही है।
प्रदेश में अब तक औसत 35.83 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 36.32 होनी चाहिए थी। दोनों आंकड़े में आधा इंच का अंतर भी नहीं है। प्रदेश में ओवरऑल 1% बारिश ही कम है। पूर्वी हिस्से में 5% कम और पश्चिमी हिस्से में 2% अधिक बारिश हुई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तरी ओडिशा के आसपास लो प्रेशर एरिया सक्रिय हुआ था।
वहीं, साइकोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव हुआ है, जो अभी झारखंड के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय है। यह उत्तर-पश्चिमी दिशा की ओर जा रहा था। इससे नर्मदापुरम, भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में कहीं-कहीं बारिश हुई। अधिकांश हिस्सों में वज्रपात की स्थिति भी रही।
अगले 24 घंटे के दौरान सिस्टम कमजोर होगा, लेकिन नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा में मध्यम से भारी हो सकती है।
इनसे लगे जिलों में हल्की बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश की संभावना है।
तेज बारिश के प्रभाव
तेज बारिश के प्रभाव क्या हो सकते हैं? इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. पानी की आपूर्ति में वृद्धि
तेज बारिश से किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि यह फसलों के लिए पानी की अच्छी आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता है।
2. जलवायु परिवर्तन
तेज बारिश के चलते जलवायु में भी परिवर्तन हो सकता है। यह तापमान को घटा सकता है और मौसम की उन्नति में सहायक हो सकता है।
3. अच्छी सड़क स्थिति
बारिश के बाद सड़कों की स्थिति में सुधार हो सकता है, जिससे सफर करने में आसानी हो सकती है।
4. जलवायु बदलाव
तेज बारिश के साथ जलवायु बदलाव भी हो सकता है, जैसे कि तापमान कम होना या हवाओं में बदलाव। इसके पर्याप्त प्रभावों के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है।
मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर देखने के बाद, हमें अपने मौसम के बदलते पैटर्न के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। इससे हम अपने स्वास्थ्य, कृषि, और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।