मध्य प्रदेश में इन दिनों ठंड अपने चरम पर है। राज्य के कई इलाकों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। ग्वालियर, चंबल और रीवा संभाग जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दृश्यता 100 मीटर से भी कम हो गई है। इससे यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
घने कोहरे का प्रभाव
ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, छतरपुर और रीवा समेत 12 जिलों में घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है। कई जगहों पर दृश्यता मात्र 50 मीटर तक रह गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। नीमच, शिवपुरी और जबलपुर समेत 11 जिलों में मध्यम कोहरा छाया रहा।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक ठंड और कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा। 6-7 जनवरी तक कोहरा छंटने की संभावना है, जिसके बाद दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन इसके तुरंत बाद ठंड का एक और दौर आने की संभावना जताई गई है।
उत्तरी राज्यों से आने वाली हवाओं का असर
जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी के कारण उत्तरी राज्यों से आने वाली ठंडी हवाएँ मध्य प्रदेश में ठंड बढ़ा रही हैं। बर्फ पिघलने के बाद हवाओं की गति और तेज हो जाएगी, जिससे राज्य में तापमान और नीचे गिरने की संभावना है।
तापमान पर गहराई से नजर
राज्य के अधिकांश शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। गुरुवार को मंडला और शहडोल के कल्याणपुर में सबसे कम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अन्य शहरों में तापमान इस प्रकार रहा:
- भोपाल: 7°C
- जबलपुर: 7.2°C
- ग्वालियर: 7.7°C
- उज्जैन: 9.5°C
- इंदौर: 11.2°C
दिन के समय तापमान में कुछ सुधार हुआ। इंदौर और उज्जैन जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन रीवा और खजुराहो जैसे स्थानों पर दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
रिकॉर्ड तोड़ सर्दी
इस बार सर्दी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में नवंबर महीने में पिछले 36 सालों में सबसे अधिक ठंड दर्ज की गई। दिसंबर में भी कई इलाकों ने जनवरी से अधिक ठंड महसूस की।
ठंड से निपटने के उपाय
कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है ताकि छात्रों को ठंड से बचाया जा सके। भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने जरूरतमंदों के लिए अलाव और कंबल वितरण का प्रबंध किया है।
जनजीवन पर प्रभाव
ठंड और कोहरे के कारण यातायात, कृषि और व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ा है। किसान अपनी फसलों को ठंड से बचाने के उपाय कर रहे हैं, जबकि दैनिक मजदूरों के कामकाज पर भी असर पड़ा है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी में 20-22 दिनों तक शीतलहर चलने की संभावना है। इस दौरान तापमान में और गिरावट आ सकती है। हालांकि, कोहरा छंटने के बाद दिन के समय हल्की राहत मिलने की उम्मीद है।
निवासियों के लिए सुझाव
- गर्म कपड़े पहनें: शरीर को गर्म रखने के लिए लेयरिंग करें।
- घर के अंदर रहें: अनावश्यक बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और रात के समय।
- गर्म पेय का सेवन करें: चाय, सूप और काढ़ा पिएं।
- हीटर और अलाव का उपयोग करें: लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखें।
- यातायात के दौरान सतर्कता: घने कोहरे में गाड़ी चलाते समय फॉग लाइट का इस्तेमाल करें।
मध्य प्रदेश में ठंड और कोहरे का यह दौर न केवल चुनौतीपूर्ण है बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों और निवासियों की जागरूकता से इस कठिन समय का सामना किया जा सकता है।