जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा। बीते 12 जनवरी 2022 को छिंदवाड़ा जिला के आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक जुन्नारदेव के बाराचोमरी गाँव में आदिवासी समुदाय के बीच ईसाई मिशनरी के कुछ सदस्यों के द्वारा आदिवासियों को बहला-फुसलाकर आदिवासी संस्कृति से विमुख करने का षडयंत्र ईसाई मिशनरी के कुछ सदस्यों को उस समय भारी पड़ गया
जब गांव में आदिवासी संस्कृति के अनुसार पारंपरिक पूजा पाठ चल रही थी। वहीं इसी दौरान बाहर गांव से आए लोगों को और ग्राम वासियों ने अपनी आदिवासी संस्कृति के अनुसार पूजा पाठ का हवाला दिया जिसका ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोगों ने आदिवासी संस्कृति का विरोध किया जिससे आदिवासी समाज के सगाजन नाराज हो गये।
ईसाई मिशनरी के सदस्यों को ग्रामीणों ने एकजुट होकर किया विरोध
वहीं ईसाई मिशनरीज से जुड़े कुछ सदस्यों ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए दमुआ क्षेत्र से ईसाई मिशनरी के कुछ पदाधिकारियों को बुलाया था किंतु ईसाई मिशनरीज वालों की गांव वालों के सामने एक ना चली।
ईसाई मिशनरी वाले को गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा और ग्राम बाराचोमरी के ग्रामवासियों ने एकजुट होकर ईसाई मिशनरी वाले को गांव से बाहर भगाया।
शासन प्रशासन से भी कई बार कर चुके है नहीं होती कोई कार्यवाही
गौरतलब है कि ग्रामीण अंचलों में ईसाई मिशनरी वाले साप्ताहिक बैठक के माध्यम से बीमारी ठीक करने के बहाने आदिवासियों को उनकी संस्कृति से विमुख किया जा रहा है। छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में ईसाई मिशनरियों द्वारा उनके पारंपरिक संस्कृति और धर्म से अलग करने का षड्यंत्र बड़े जोर शोर से चल रहा है।
इसके लिए आदिवासी संगठनों ने कई बार शासन प्रशासन से भी रोक लगाने की मांग की है लेकिन आज तक शासन प्रशासन ने भी कोई कठोर कार्यवाही उन पर नहीं की है
जिसकी वजह से उनका यह धर्मांतरण का खेल फल फूल रहा है। इस मौके पर अदन, सूरज अटकोम, सेनलाल कायदा, मंगल दर्शमा, रंगीलाल दर्शमा, सुरमन, शिवचरण दर्शमा, भंगीलाल दर्शमा आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।