4.5 डिग्री के साथ उमरिया रहा प्रदेश में सबसे ठंडा, गुना, नौगांव, खजुराहो में भी साढ़े पांच डिग्री पर थमा पारा
भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है।मंगलवार की रात भी कई शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री के आसपास रहा। बुधवार को सुबह कई जगह घना कोहरा छाया रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने आगामी 21 जनवरी, शुक्रवार से मौसम में बदलाव की संभावना जताई है।
चार दिन पहले प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद मौसम साफ हुआ और कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई, जो फिलहाल जारी है। बुधवार सुबह ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों के अलावा टीकमगढ़, नौगांव, मंडला एवं दमोह जैसे जिलों में घना कोहरा छाया रहा। भोपाल, बैतूल, गुना एवं उज्जैन जैसे शहरों में भी हल्का कोहरा रहा।
बुधवार को प्रदेश में उमरिया सबसे ठंडा रहा, जहा न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 4.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। गुना में 5.4, नौगांव व खजुराहो 5.6 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।
राजधानी भोपाल में बुधवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस कम है, साथ ही यह पिछले दिन के न्यूनतम तापमान के मुकाबले 1.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा।
भोपाल मौसम केन्द्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ हिमालय क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है।
शुक्रवार को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के भी उत्तर भारत में प्रवेश करने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात का बनना संभावित है। इन दो वेदर सिस्टम के प्रभाव से मध्य प्रदेश के मौसम का मिजाज बदलने के आसार है।
मौसम विशेषज्ञ साहा के अनुसार, वर्तमान में हवा का रुख उत्तरी बना है, लेकिन हवा की रफ्तार कम होने के कारण रात के तापमान में गिरावट नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश में मौसम फिर बिगड़ सकता है।
इस सिस्टम के असर से दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बनेगा और हवा का रुख बदलने से वातावरण में नमी बढ़ेगी। इससे आसमान में बादल छा जाएंगे और प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभागों के जिलों में बारिश होने की संभावना रहेगी।
राजधानी भोपाल में भी बूंदाबांदी हो सकती है। इस दौरान बादल छाने के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी भी होगी। हालांकि इस दौरान दिन के तापमान में कमी आने लगेगी।