देश एक तरफ कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है वहीं मध्य प्रदेश में इस दौरान भी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही। पहले जहाँ मध्य प्रदेश के हाल फिलहाल तक मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने राहुल गाँधी की चेतावनी का हवाला देते हुए, राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा था। आज सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन्हें उसी भाषा में पलट कर जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे संकट के समय में भी इस प्रकार की गंदी राजनीति होगी। उन्होंने कहा, “कमलनाथ ने कहा था कि राहुल गाँधी ने इसे लेकर (#COVID19) 12 फरवरी को ही चेताया था। उस समय सीएम कौन था? 23 मार्च तक उन्होंने आखिर क्या किया? क्या कोई इतना स्वार्थी हो सकता है कि वह अब काम करना सिर्फ इसलिए बंद कर दे क्योंकि वह अब मुख्यमंत्री नहीं है।”
इससे पहले 12 अप्रैल को कमलनाथ ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए, केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने एमपी की कॉन्ग्रेस सरकार को गिराने के लिए कोरोना महामारी के खिलाफ एक्शन लेने में कोताही दिखाई।
कमलनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ही इस कोरोना संक्रमण से पैदा हुई स्थिति के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने संसद को इस दौरान भी चलाये रखा जिससे मध्य प्रदेश विधानसभा भी चलती रहे और उनकी सरकार गिराई जा सके।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटनाओं की क्रोनोलॉजी समझाते हुए उन्होंने कहा कि फरवरी तक कोरोना संक्रमण COVID-19 के सिर्फ तीन केस थे, सरकार ने लॉकडाउन लगाने में देर की और कोरोना वायरस केसेस की संख्या 175 गुना बढ़कर 536 हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कमलनाथ ने यह भी कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच उनकी सरकार गिराने के बदले जो डील हुई है वह भी सामने आ जाएगी। कमलनाथ ने साथ ही दावा किया कि जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं वो आसान नहीं होंगे।