मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दैवीय आराधना पर्व नवरात्रि के प्रारंभ होने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जारी अपने संदेश में शक्ति को नमन करते हुए नारी शक्ति का वंदन किया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में नारी को हर रूप में पूजनीय माना गया है, चाहे वह बिटिया हो, कन्या हो, बहन हो या मां। नारी के इन सभी स्वरूपों की तुलना माता के नौ रूपों से की जाती है, और यही कारण है कि राज्य सरकार नारी को देवी स्वरूप मानकर अपनी योजनाओं के माध्यम से नारी शक्ति का सम्मान करती है।
नवरात्रि: शक्ति और नारी शक्ति का महोत्सव
नवरात्रि का पर्व शक्ति की आराधना और नारी के सम्मान का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनका हर एक रूप नारी के अलग-अलग गुणों का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संदेश में कहा है कि नारी शक्ति का सम्मान समाज की प्रगति का मुख्य आधार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नारी शक्ति के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा प्रमुख हैं।
नारी सम्मान और राज्य सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने नारी शक्ति के उत्थान और सम्मान के लिए कई योजनाओं का संचालन किया है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना – इस योजना के अंतर्गत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान – इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है।
- मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा योजना – महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के तहत सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।
इन योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार नारी शक्ति को न केवल सुरक्षित बल्कि सशक्त भी बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी को देवी का स्वरूप मानते हुए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि प्रदेश की बेटियां और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त बनें और आत्मनिर्भर हों।
नवरात्रि: समृद्धि और सुख की कामना
नवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी नागरिकों के सुख और समृद्धि की कामना की। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि देवी दुर्गा की कृपा से सभी प्रदेशवासी सुखी, स्वस्थ और समृद्ध हों। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे नवरात्रि के इस पर्व पर माता के नौ रूपों की आराधना करें और समाज में नारी शक्ति का सम्मान बनाए रखें।
शक्ति की उपासना और नारी का महत्व
नवरात्रि केवल शक्ति की उपासना का पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज में नारी की महत्ता को भी दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में यह स्पष्ट किया कि नारी शक्ति ही समाज की असली शक्ति है। नारी, चाहे वह किसी भी रूप में हो – बेटी, बहन, पत्नी या मां – हर रूप में वह पूजनीय और सम्माननीय है। समाज के विकास और समृद्धि के लिए नारी का सशक्तिकरण अत्यंत आवश्यक है, और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री का सामाजिक संदेश: नारी का वंदन करें
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हमें समाज में नारी के योगदान को पहचानना और उसका सम्मान करना चाहिए। नवरात्रि का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि नारी केवल घर की शोभा नहीं, बल्कि समाज की रीढ़ भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति को सशक्त बनाना है ताकि वे हर क्षेत्र में अपने सपनों को पूरा कर सकें।
राज्य सरकार का दृष्टिकोण: नारी सशक्तिकरण की दिशा में कदम
डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार की सभी योजनाएं और नीतियां नारी सशक्तिकरण की दिशा में हैं। चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, रोजगार हो या सुरक्षा, राज्य सरकार ने नारी को प्राथमिकता देते हुए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल नारी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
नवरात्रि: संस्कृति और परंपरा का उत्सव
मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और समाज में नारी शक्ति का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि नवरात्रि हमारी संस्कृति और परंपरा का उत्सव है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाता है। इस अवसर पर सभी को माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हुए समाज में सद्भाव, प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवरात्रि के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की है। उन्होंने नारी शक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और सभी से इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने का आग्रह किया।