भोपाल: प्रांतीय महिला समूह संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओम प्रकाश बघेल ने कहा है कि कुपोषित बच्चों के साथ गर्भवती माताओं और शाला त्यागी किशोरियों का निवाला डकारने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के काले कारनामे अब जग जाहिर हो चुके हैं।
यह बात हम 1 साल पहले से कहते आ रहे हैं कि महिला बाल विकास विभाग में कुपोषित बच्चों को भोजन नाश्ता वितरण सहित सभी प्रकार के हितग्राही को दी जाने वाली योजना में सेक्टर सुपरवाइजर से लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी तक रिश्वतखोरी कर रहे हैं।
इस मामले में प्रांतीय महिला समूह संघ ने पूरे प्रदेश में कई बार आंदोलन कर ज्ञापन सौंपे लेकिन सरकार ने हमारे ज्ञापन और शिकायतों को हर बार नजरअंदाज कर अधिकारियों पर विश्वास बनाए रखा। जिसका नतीजा अब मध्यप्रदेश के महालेखाकार (एजी) की गोपनीय रिपोर्टर में सामने आया है।
ज्ञातव्य हो की इस रिपोर्ट में अंगनबाड़ियों पर परोसा जाने वाले भोजन एवं पोषण आहार में भारी घोटाले का जिक्र किया है। रिपोर्ट में टीएचआर परिवहन के नाम पर करोड़ों रुपया बाइक और कार इत्यादि के नंबर वाले वाहनों को लोडिंग वाहन बताकर हडप करना बताया गया है।
स्कूल और आंगनबाड़ी में भोजन नाश्ता पकाने और खिलाने का काम करने वाले महिला स्व सहायता समूहो का प्रदेश स्तर के संगठन “प्रांतीय समूह संघ” ने एक अगस्त को पूरे प्रदेश में आंदोलन कर हर जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टरो को ज्ञापन सौंपा था।
ज्ञापन में महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी पर भोजन-नास्ता वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी सुपरवाइजर और अधिकारी महिला समूह से 30 से 40 प्रतिशत कमीशन लेकर उनका भुक्तान करते हैं। इस काम में स्थानीय महिला समूह को दरकिनार कर अधिकारी अपने पसंद के व्यक्ति को भोजन नास्ता की व्यवस्था ठेके पर दिए हुए हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर भोजन नाश्ता प्रदाय के साथ टीएचआर वितरण व्यवस्था में भी भ्रष्टाचार हुआ है इस तरह का ज्ञापन इससे पहले भी समूह संघ कई बार मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टरो को सोंप चुका है।
हम 1 वर्ष से लगातार हम महिला बाल विकास विभाग के इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं लेकिन सरकार में बैठे नेता और महिला बाल विकास विभाग के आला अधिकारियों को अपने ही विवाह के जिला स्तर के अधिकारियों के द्वारा किए जाने वाला यह भ्रष्टाचार शायद दिखाई नहीं दिया। यही कारण है कि अब रिपोर्ट में सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है।
समूह संघ द्वारा लगाए आरोपों को प्रमाणित किया
समूह संघ द्वारा लगाए आरोपों को प्रमाणित किया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छह कारखानों से 6.94 करोड़ रुपयों की लागत के 1,125.64 मीट्रिक टन राशन का परिवहन किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग से सत्यापन करने पर पता लगा कि ट्रकों के जो नंबर दिये गये हैं उन पर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर पंजीकृत हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) योजना के लगभग 24 प्रतिशत लाभार्थियों की जांच पर आधारित थे. इस योजना के तहत 49.58 लाख पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था.
इनमें 6 महीने से 3 साल की उम्र के 34.69 लाख बच्चे, 14.25 लाख गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली मां और 11-14 साल की लगभग 64 हजार बच्चियां शामिल थीं जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया है।
MP Food Scam: 110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा आया सामने
रिपोर्ट की जांच के दौरान, यह पाया गया कि आठ जिलों के 49 आंगनबाडी केन्द्रों में केवल तीन स्कूल न जाने वाली लड़कियों का पंजीकरण किया गया था। हालांकि, उन्हीं 49 आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत, डब्ल्यूसीडी विभाग ने 63,748 लड़कियों को सूचीबद्ध किया और 2018-21 के दौरान उनमें से 29,104 की मदद करने का दावा भी किया था.
साफ तौर पर यहां आकड़ों में हेर फेर करके 110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा हुआ। ऐसे ही फर्जीवाड़े की ओर समूह संघ सरकार का ध्यान आकर्षित कराता रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओमप्रकाश बघेल ने बताया महिला एवं बाल विकास द्वारा जो आंगनवाड़ी में संलग्न समूहों के एम पी आर (मासिक बिल) के अनुसार भुगतान होता है उन बिलों का समूहों का जिले वाइज बैंक स्टेटमेंट सत्र 2020 से कोरोनावायरस के समय से मिलान किया जाए तो अधिकारियों द्वारा जो समूह वालों से परसेंट एवं ठेकेदारों द्वारा फर्जी समूह बनाकर जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत भ्रष्टाचार हुआ है
उसकी जानकारी लग जाएगी 2016 में अभी प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के तत्वधान में भ्रष्टाचार को लेकर ऐसा ही हुआ था चार करोड़ का गमन फर्जी समूह के नाम पर निकाली थी राशि निरपेक्ष जांच हो तो कहीं करोड़ो का निकलेगा भ्रष्ट अधिकारियों घटोला सांझा चूल्हे से कार्यरत महिला समूह को ना के बराबर राशि धूप बराबर खाद्यान्न दिया जा रहा है
अधिकारी करोड़ों का गबन कर रहे हैं समूह की महिलाएं गहने भेज स्कूल आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को अपने बच्चे समझ कर नाश्ता भोजन कराने हेतु अपने गहने तक भेच चुके भ्रष्ट अधिकारियों के चक्कर में ।