भोपाल (मध्य प्रदेश): नए शैक्षणिक सत्र से राज्य के 700 से अधिक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी। स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत यह कदम उठाया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। नए पाठ्यक्रम आधुनिक कौशल पर केंद्रित होंगे।
वर्तमान में 2,383 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दी जाती है। नए स्कूलों के जुड़ने से कुल संख्या 3,000 से अधिक हो जाएगी। कृषि, डेयरी विकास और निर्माण जैसे क्षेत्रों में पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। राजमिस्त्री सहायक, निर्माण चित्रकार, फैशन डिजाइनिंग (सहायक डिजाइनर और फैशन डिजाइनर), हाउसकीपिंग और कार्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन जैसे ट्रेड उपलब्ध होंगे। लोक शिक्षण निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने को कहा है।
कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों के लिए मौजूदा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में डाटा एंट्री ऑपरेटर, जूनियर फील्ड तकनीशियन, सहायक ब्यूटी थेरेपिस्ट, रिटेल स्टोर ऑपरेशन सहायक, निजी सुरक्षा गार्ड, खाद्य और पेय सेवा सहायक, माइक्रोफाइनेंस कार्यकारी, सहायक प्लम्बर, सिलाई मशीन ऑपरेटर, चार पहिया वाहन सेवा सहायक, इलेक्ट्रॉनिक सेवा सहायक और शारीरिक शिक्षा शामिल हैं।
कक्षा 11 और 12 के लिए पाठ्यक्रमों में जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर, सोलर पैनल तकनीशियन, ड्रोन सेवा तकनीशियन, सीसीटीवी और फुटेज ऑपरेटर, फूलों की खेती और स्व-नियोजित दर्जी शामिल हैं।
वर्तमान में राज्य में 2,383 स्कूलों में चार लाख से अधिक विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए 4,700 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।