भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया।
खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 तथा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 को इन नियमों से निरसित किया गया है। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2006 को पूर्णत: निरसित करते हुए नवीन प्रस्तावित मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2021 को अनुमोदित किया गया।
इस नियम में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण के संबंध में एकजाई प्रावधान किये गये हैं। खनिजों के अवैध उत्खनन एवं भंडारण में रॉयल्टी का 15 गुना तथा इसके समतुल्य राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में लिया जाना तथा प्रकरण में अधिरोपित कुल दण्ड जमा नहीं किये जाने पर जप्त वाहन एवं मशीनरी आदि को राजसात करने के साथ-साथ अधिरोपित कुल दण्ड की दुगनी राशि का दण्ड अधिरोपित किये जाने का प्रावधान किया गया।
अवैध परिवहन के प्रकरण में जप्त खनिज की रायल्टी का 15 गुना तथा वाहन क्षमता अनुसार पर्यावरण क्षति की राशि अर्थदण्ड के रूप में अधिरोपित किया जाना तथा प्रकरण में अधिरोपित कुल दण्ड पर प्रशमन न किये जाने पर कुल दण्ड की राशि का दोगुना तथा वाहन राजसात किये जाने का प्रावधान किया गया है।
खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन में वाहन के सुपुदर्गी हेतु राशि जमा कर वाहन मालिक को दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके लिये नियमों में पृथक से अनुसूची तैयार की गई है। इस अनुसूची में वाहन के बाजार मूल्य का लगभग 10 प्रतिशत राशि लिये जाने की गणना की गई है। पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर इस पर कार्यवाही हेतु सूचना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को दिये जाने का प्रावधान किया गया है। अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि जमा न होने पर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 के प्रावधानों के तहत राशि वसूली तथा कुर्की किये जाने का प्रावधान किया गया है। नियमों में कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध संभागायुक्त को अपील प्रस्तुत करने का प्रावधान पूर्ववत है। संभागायुक्त द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध पुनरीक्षण राजस्व मंडल को प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान किया गया है।
आचार्य शंकर की 108 फुट ऊँची बहुधातु प्रतिमा
मंत्रि-परिषद ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फुट ऊँची बहु धातु प्रतिमा, शंकर संग्रहालय एवं आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की अधोसंरचना के निर्माण की परियोजना लागत राशि 2141.85 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदाय की।
लोक सेवा केंद्र
मंत्रि-परिषद ने लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत संचालित लोक सेवा केन्द्रों को भुगतान किये जाने वाले VGF (Viability Gap Funding) के संबंध में निर्णय लिया कि कोरोना महामारी के कारण कोरोना कर्फ्यू अवधि (01 अप्रैल, 2021 से 31 मई 2021) में लोक सेवा केन्द्रों के बंद रहने के कारण प्रदेश के समस्त लोक सेवा केन्द्रों के ङ्कत्रस्न की पात्रता को शून्य किया गया है। लोक सेवा केन्द्र संचालकों एवं जिला ई-गवर्नेस सोसायटी के मध्य निष्पादित अनुबंध की समयावधि में तीन माह की वृद्धि की गई है
बांध सुदृढ़ीकरण के लिए 551 करोड़ की मंजूरी
मंत्रिपरिषद की बैठक में बांध सुदृढीकरण एवं उन्नयन परियोजना चरण-2 के लिए राशि 551.20 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
दो नवीन औदयोगिक क्षेत्र की स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में दो नवीन औदयोगिक पार्क भोपाल (बगरौदा गोकलाकुंडी) एवं सीहोर (बढिय़ाखेड़ी ) में 59 करोड़ 89 लाख रुपयेकी लागत से विकसित किये जाने का निर्णय लिया। औद्योगिक क्षेत्र विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से नवीन उदयोगों की स्थापना के लिये प्रदेश में लगभग राशि 1650 करोड़ रुपये का निवेश होना संभावित हैं एवं 1950 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
चार नवीन निजी विश्वविद्यालय की स्थापना
मंत्रि-परिषद ने चार नवीन निजी विश्वविद्यालयों प्रेस्टीज विश्वविद्यालय इंदौर, टाइम्स विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय शिवपुरी एवं एल.एन.सी.टी विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर की स्थापना प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से किये जाने के संबंध में प्रस्तुत संशोधन अध्यादेश 2022 को प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव को अनुमोदित किया। अध्यादेश जारी करने के लिए आनुषांगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया।
सर्वसुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय
मंत्रि-परिषद द्वारा 23वीं एवं 25वीं वाहिनी विसबल, भोपाल परिसर में 50 बेड का सर्वसुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय बनाये जाने हेतु परियोजना प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गयी।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने शहरी परिवहन कोष मद को आगामी दो वर्षों तक निरंतर रखे जाने के साथ राशि 80 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की।