मध्यप्रदेश : अब Qr Code वाले ड्राइविंग लाइसेंस चलेंगे | MP Qr Code Driving Licence
भोपाल : जल्द ही नए या रिन्यू होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस पर क्यूआर कोड Qr Code (Driving Licence) भी दिखाई देगा। इस कोड में गाड़ी और लाइसेंस धारक की सारी जानकारी तो स्टोर होगी ही, साथ ही प्रदूषण और इंश्योरेंस की अपडेटेड डिटेल्स भी होंगी। वहीं, सरकार ने हाल ही में कहा था कि गाड़ी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की इलेक्ट्रिानिक कॉपी भी मान्य होंगी।
इन नए ड्राइविंग लाइसेंस में एक माइक्रोचिप के अलावा Qr Code (Driving Licence) होगा, क्यूआर कोड Qr Code को स्कैन करने पर ड्राइविंग लाइसेंस की पूरी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगी, बता दें कि केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना के बाद ऑल इंडिया फार्मेट पर डीएल जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कुछ समय पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को मसौदा प्रस्ताव भेजा है कि नए ड्राइविंग लाइसेंस पॉलीकार्बोनेट से बने हों, और फिलहाल इस्तेमाल हो रहे लेमिनेटेड ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल बंद किया जाए। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मसौदे का मुख्य बिंदू यह है कि लाइसेंस में हाई सिक्योरिटी क्यू आर कोड यानी क्विक रेस्पॉन्स कोड लगाने की व्यवस्था की जाए। इससे वाहन चालकों को कई दस्तावेज साथ रखने की समस्या खत्म हो जाएगी, वहीं यातायात पुलिस कर्मियों को यातायात नियम तोड़ने वालों को पकड़ने में सहूलियत होगी।
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में नए फार्मेट में डीएल जारी किए जाएंगे। मध्यप्रदेश के जिलों में ऑडियो कार्यालयों में नए फॉर्मेट भेज दिए गए हैं। एक सप्ताह के भीतर आवेदकों को माइक्रोचिप, क्यूआर कोड से लैस नए लाइविंग लाइसेंस मिलने लगेंगे। ऑल इंडिया फार्मेट पर नए ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर देने का शुभारंभ एक-दो दिन के भीतर मप्र परिवहन आयुक्त करने वाले है।
नई व्यवस्था के तहत डीएल के लिए आवेदन करने वालों को शुरूआती दौर में कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। जिनके लाइसेंस पुराने हैं वह भी क्यूआर कोड वाले नए डुप्लीकेट लाइसेंस बनवा सकेंगे। आरटीओ में डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। यानी पुराने डीएल की जगह वह नए डीएल बनवा सकेंगे।
यह होगा फायदा– वाहन सहित पूरी जानकारी लाइसेंस में लगी माइक्रोचिप और क्यूआर कोड से मिल जाएगी।- बार-बार यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन चालक आसानी से पकड़ में आएंगे- लाइसेंस होल्डर लाइसेंस को डिजिटल लॉकर बनाकर रख सकेंगे। जरूरत पड़ने पर दिखा भी सकेंगे।