भोपाल (मध्य प्रदेश): क्या आपने कभी सोचा है कि साइबर अपराधी किसी व्यक्ति के बारे में सटीक जानकारी कैसे जुटा लेते हैं? भोपाल साइबर अपराध प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया है कि दूरसंचार कंपनियों (Telecom Company) का डेटा डार्क वेब (Dark Web) पर लीक हो रहा है, जिसमें लोगों की निजी जानकारी – उनका सेल फोन नंबर, IMEI नंबर, बैंकिंग खाता विवरण और अन्य निजी जानकारी शामिल है।
डेटा लीक के स्रोत
भोपाल जिला साइबर सेल के अधिकारियों ने फ्री प्रेस को बताया कि हालांकि, वे इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि डेटा गलती से लीक हो रहा है या डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। राज्य साइबर सेल के अधिकारियों ने कहा कि डेटा का एक बड़ा हिस्सा डार्क वेब पर राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों में से एक से लीक हो रहा है, और यह उल्लेखनीय है कि भोपाल के लगभग छह लाख लोग उक्त दूरसंचार कंपनी के उपभोक्ता हैं, जो उन्हें साइबर धोखाधड़ी के लिए असुरक्षित बनाता है।
डार्क वेब पर डेटा की स्थिति
जब इस संबंध में साइबर सेल के अधिकारियों से अधिक जानकारी मांगी गई तो पता चला कि अब तक लगभग 300 जीबी डेटा डार्क वेब पर लीक हो चुका है और चूंकि यह रहस्य से घिरा हुआ क्षेत्र है, इसलिए जिला साइबर सेल के साथ-साथ राज्य साइबर सेल भी यह पता लगाने में असमर्थ है कि डार्क नेट गतिविधियां कैसे और कहां से संचालित की जा रही हैं।
लंबे समय से ऑडिट का अभाव
जब सरकारी दूरसंचार कंपनी से डेटा लीक के पीछे का कारण पूछा गया, तो एक वरिष्ठ साइबर अपराध अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर फ्री प्रेस को बताया कि भोपाल और पूरे राज्य में दूरसंचार कंपनी के कार्यालयों में कई वर्षों से ऑडिट नहीं किया गया है, जो डेटा लीक के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है।
डार्क वेब पर डेटा बेचने का चलन
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) शैलेंद्र सिंह चौहान ने माना कि डार्क वेब पर डेटा बेचने और डेटा लीक करने का चलन बहुत ज़्यादा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है, इसलिए साइबर सेल कार्रवाई नहीं कर सकता।
डेटा सुरक्षा के उपाय
डाटा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए कुछ उपाय किए जाने चाहिए:
- सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग: हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और समय-समय पर उन्हें बदलते रहें।
- दो-स्तरीय प्रमाणीकरण: अपने खातों के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण सक्षम करें।
- सॉफ़्टवेयर अपडेट: अपने डिवाइस और सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट रखें।
- सावधान इंटरनेट उपयोग: किसी भी संदिग्ध लिंक या अज्ञात स्रोत से आई हुई ईमेल को न खोलें।
साइबर अपराध से बचाव के लिए सरकारी पहल
सरकार ने साइबर अपराध से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं:
- साइबर सेल की स्थापना: राज्य और जिला स्तर पर साइबर सेल की स्थापना की गई है।
- जन जागरूकता कार्यक्रम: साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
- कानूनी प्रावधान: साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
साइबर सुरक्षा में जागरूकता की आवश्यकता
साइबर सुरक्षा को लेकर आम जनता में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। लोगों को यह समझना होगा कि उनकी निजी जानकारी कितनी महत्वपूर्ण है और इसे सुरक्षित रखने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा और साइबर सुरक्षा को एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखना होगा।