छतरपुर (मध्य प्रदेश) : छतरपुर शहर में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने एक सिपाही समेत नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. खबरों के मुताबिक बुधवार को यूपी-एमपी बॉर्डर पर धारवाड़ा इलाके में बिना कपड़ों के बेहोशी की हालत में पड़ी मिली 22 वर्षीय महिला गुरुवार को छतरपुर जिला अस्पताल में आई थी.
होश में आने के बाद जब महिला ने कहा कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है तो यूपी पुलिस उसे वहां ले आई. छतरपुर के राजनगर थाने में तैनात महिला आरक्षक संजय तिवारी व उसके आठ साथियों ने अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म किया.
छतरपुर पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है. महिला के मुताबिक वह उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के सिब्बापुरा गांव की रहने वाली है.
उसने कहा कि तिवारी ने पहले भी उसके साथ बलात्कार किया था, और उसने महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की कॉपी बनाने के लिए वह 17 मार्च को छतरपुर आई थी, तभी संजय तिवारी व उसके साथियों ने उसका अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया.
बाद में उसे बिना कपड़ों के बेहोशी की हालत में छोड़ गए। महिला की तहरीर पर पुलिस ने एक महिला समेत नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बहरहाल, एक और कहानी है। जब तिवारी व आठ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया तो उसके परिजन पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एक आवेदन लेकर पहुंचे.
आवेदन में उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की आदत थी कि वह दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराकर लोगों को ब्लैकमेल करती थी। तिवारी के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उसने कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ फर्जी शिकायतें दर्ज कराईं।
टीकमगढ़ के खारो लिधौरिया निवासी दिलीप ने कहा कि महिला को पैसे चाहिए थे, इसलिए उसने तिवारी के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करायी. तिवारी के परिजनों ने भी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।