पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ल, संजय पाठक भी सीएम पहुंचे थे. हालांकि बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया है. इससे पहले सिंधिया खेमे के प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे.

12:02AM: मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, थावर चन्द गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल चार्टर प्लेन से भोपाल आएंगे.
11:15PM: प्रदेश प्रभारी विनय सह सहस्त्रबुद्धे बोले पार्टी में ऑल इज वेल है. सबसे बातचीत के बाद आगे बढ़ेंगे. इस बार युवाओं को मिलेगा मौका.
10:35PM: विधायकों से मुलाकात करने के बाद सीएम शिवराजसिंह चौहान भी मुख्यमंत्री आवास से निकल गए.
- सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है. बड़वानी से विधायक प्रेम सिंह पटेल, ग्वालियर से विधायक भारत सिंह कुशवाह, शुजालपुर से इंदर सिंह परमार के नाम पर भी मंत्री पद की मुहर लग गई है. जबकि सिंधिया खेमे से ओपीएस भदौरिया के नाम पर भी सहमति बन गई है. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय शाह को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने पर मंथन चल रहा है.
- पूर्व मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर सीएम हाउस से रवाना हुए. मीडिया से बोले क्षेत्र की विकास की बात करने के लिए सीएम हाउस पहुंचा था. मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चर्चा हुई है.
- मंत्री बनने के सवाल पर तोमर बोले कि इसका फैसला पार्टी करेगी. ग्वालियर में मंत्री बनने को लेकर लगे पोस्टर के सवाल पर बोले मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है.
- पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ल, संजय पाठक भी सीएम पहुंचे थे. हालांकि बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया है.
- इससे पहले सिंधिया खेमे के प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे. तोमर के कैबिनेट मंत्री बनने वाले पोस्टर भी ग्वालियर के एक चौराहे पर उनके भाई और समर्थकों ने लगा दिया है.
- भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे मंत्रिमंडल का फॉर्मूला लेकर पार्टी कार्यालय में है. उन्होंने असंतुष्ट विधायकों और मंत्री पद के संभावित दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा भी की है. वहीं सीएम हाउस में लगातार भाजपा विधायक और नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है.
- गुरुवार 2 जुलाई को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. इसको लेकर राजभवन में तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, अरविंद भदौरिया और रामकिशोर कांवरे का नाम लगभग तय है. वहीं अभी मंत्री पद के लिए दावेदारों के नाम पर मंथन चल रहा है. इसको डैमेज कंट्रोल की तरह देखा जा रहा है. क्योंकि सिंधिया खेमे के लोगों को एडजस्ट करने के लिए बीजेपी के कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों का मंत्री की कुर्सी नहीं मिलने वाली है.