Indian Navy लद्दाख में सेना के लिए भेज रही यह ‘हथियार’, पैंगोंग पर चीन की हरकत होगी नाकाम

By SHUBHAM SHARMA

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नई दिल्‍ली। भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं और इस टकराव को खत्‍म करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर वार्ता शुरू हुई। यह मीटिंग खत्‍म हुई या नहीं, इस पर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। भारत और चीन के बीच तनाव को खत्‍म करने के लिए लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर यह ऐसी तीसरी मीटिंग है। इस बीच खबरें हैं कि इंडियन नेवी की तरफ से लद्दाख में सेना की मदद के लिए एक ऐसा हथियार भेजा जा रहा है जिसके बाद चीन को करारा जवाब दिया जा सकेगा।

चीन के 928B जहाजों का जवाब इंग्लिश डेली हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इंडियन नेवी की तरफ से हाई पावर और ज्‍यादा क्षमता वाली नावों को लद्दाख भेजा जा रहा है। स्‍टील की बनी इन नावों में सर्विलांस की क्षमता पहले की नावों से कहीं ज्‍यादा है। लद्दाख की पैंगोंग झील पर भारतीय सेना के ऑफिसर और जवान बोट के जरिए चीन की हरकतों पर नजर रखते हैं। नेवी की तरफ से भेजी जा रही ये नाव चीनी सेना के पास मौजूद टाइप 928B जहाजों का जवाब है। पैंगोंग झील, पूर्वी लद्दाख में इस समय भारत और चीन के बीच टकराव का बड़ा केंद्र बिंदु बनी हुई है। चीनी जवान यहां के दोनों किनारों पर कब्‍जा किए हुए हैं। भारत और चीन के बीच एलएसी करीब 3500 किलोमीटर है।

तीनों सेनाओं की तरफ से लिया गया फैसला स्‍टील की बनी इन नावों को पैंगोंग में उतारने का फैसला तीनों सेनाओं की तरफ से लिया गया है। नेवी को आदेश दे दिए गए हैं कि वह इंडियन एयरफोर्स के सबसे भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17 की मदद से प्राथमिकता के आधार पर इन्‍हें तुरंत लेह के लिए रवाना करे। फिलहाल अभी इस पर चर्चा की जा रही है कि इन भारी नावों को किस तरह से भेजा जाए क्‍योंकि लॉजिस्टिक से जुड़ी कुछ समस्‍याएं बनी हुई हैं। लेकिन नेवी और आर्मी इसका हल तलाशने में जुटी हुई हैं। लद्दाख एलएसी के पूर्वी सेक्‍टर में आता है और यहां पर करीब 1597 लंबी वास्‍तविक नियंत्रण रेखा है। सरकार की तरफ से सेनाओं को स्थिति के मुताबिक फैसला लेने और एक्‍शन लेने की छूट दे दी है।

मीटिंग में नहीं निकला कोई नतीजा भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं और इस टकराव को खत्‍म करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर वार्ता जारी है। रात 12:30 बजे तक मीटिंग जारी थी और सूत्रों के मुताबिक दोनों ही देशों की सेनाएं किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। इस मीटिंग का मकसद दोनों तरफ से डिएस्‍केलशन के नियमों का निर्धारण करना था। लेकिन भारत और चीन के कमांडर के बीच रजामंदी नहीं बन सकी। मंगलवार को मीटिंग लेह के तहत आने वाले चुशुल में बॉर्डर पर्सनल प्‍वाइंट (बीपीएम) पर हुई थी। सेना सूत्रों के मताबिक मीटिंग में भारत के प्रतिनिधि 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चीन की साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्‍ट्रीक्‍ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के सामने पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की आक्रामकता पर चिंता जताई। वह इस बात पर चिंतित थे कि चीन ने क्षेत्र में कई इलाकों पर अपना दावा पेश कर दिया है।

फिंगर 8 तक का इलाका भारत का ले. जनरल हरिंदर सिंह ने मांग की यहां पर यथास्थिति बहाल की जाए और साथ ही चीनी सेना तुरंत गलवान घाटी, पैगोंग त्‍सो और कई दूसरे इलाकों से वापस पीछे हटे। चीन के मेजर जनरल लियू लिन ने कहा था कि दोनों देशों की सेनाएं अहम इलाकों से दो से तीन किलोमीटर तक पीछे हट जाएं। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह पैगोंग त्‍सो और फिंगर 4 पर चीन के इस प्रस्‍ताव को मानने के लिए तैयार नहीं थे। भारत ने चीन को स्‍पष्‍ट कर दिया है कि पैगोंग त्‍सो की फिंगर 8 तक उसका दावा है। चीन की सेना की तरफ से भारत को फिंगर 3 तक जाने को कहा गया है और सेना ने इससे न मानते हुए अपनी तैनाती को और बढ़ा दिया है। चीन गलवान घाटी से भी अपनी सेना पीछे हटाने को राजी नहीं है। इसके साथ ही तीन और बिंदु पेट्रोलिंग प्‍वाइंट (पीपी) 14 जो गलवान घाटी में आता है, पीपी 15 और गोगरा पोस्‍ट के करीब 17A पर भी चर्चा हुई है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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