सतना (अंकित तिवारी ) गंगा नदी का पानी कम हो रहा है सहयोगी नदिया लगातार दम तोड़ती जा रही है इन सहयोगी नदियों में मिलने वाली छोटी छोटी वनजा नदिया वनों के कटने वर्षा कम होने के कारण गंगा की सहयोगी नदियों में भी पर्याप्त जल नही रहता इस परिस्थिति में पानी दुर्लभता की ओर बढ़ रहा है
आवश्यकता पानी को रोककर उसके बहाव की गति को कम कर छोटी छोटी नदियों को यदि जीवित कर दिया जाय तो टमस जैसी गंगा की सहयोगी नदी भी सदानीरा होगी और गागा के प्रवाह की भागीदारी मजबूती से कर सकेगी इन्ही सब बातों को देखते हुए छोटी छोटी नदियों को सदानीरा बनाने के लिए सबसे पहिले हमारे साथियो ने बरुआ नदी चुनी और लगभग 46 किलोमीटर की नदी की यात्रा उसके किनारे बसे हुए गांवो से निकालकर लोगो की इस दिशा में भागीदारी तय करने के लिए लोगो को जागरूक करने के लिए ये अभियान चलाया गया
15 जून को नदी पुनर्जीवन यात्रा गढ़ोत गांव परसमनिया पहाड़ से शुरू हुई जल बिरादरी के अरुणत्यागी के नेतृत्व में यात्री दल में पद्मश्री बाबूलाल दहिया विंध्य विकास अभियान के रमेश द्विवेदी मंदाकिनी की माधुरी सिंह बलिराम पटेल ,सुपोषण अभियान के सुरेंद्र दहिया गांव बचाओ के ध्रुव भाई मजदूर अधिकार मंच के अशोक भाई ददोली भाई कमलेश्वर सिंह राजकुमार सिंह बलिराम सिंह रामसजीवन पाल केदार लोधी भगवानदीन कुशवाहा सौखिलाल कोल राकेश वर्मा अनिता गोड़ समेत हर गांव से 10 से 50 साथी सभी गांवो में भागीदार रहे
बरुआ नदी के उद्गम से यात्रा लगभग 15 गांव में भ्रमण करती हुई यात्रा बरुआ टमस के संगम करही गांव के सकरा हार में समाप्त हुई सभी गांवों में यात्री दल का स्वागत गांव के कन्याओ द्वारा कलश सजाकर किया गया गावो में ग्राम सभा की तरह बैठकों का आयोजन किया गया ,10 गांव में जल पंचायतों का गठन किया गया वन समितियों से पंचायतों से लगातार चर्चा की गई जन समुदाय का विशेष योगदान मिला