डिंडौरी: यह तो आपने सुना ही होगा कि जब दवा काम न आये तब प्रार्थना काम करती है. इसी लिए मध्यप्रदेश के डिंडोरी के मेहदवानी मॉडल स्कूल के छात्र छात्राएं अपनी शिक्षक की जिन्दगी बचाने के लिए प्रार्थना में लगे रहते है. संजय कुमार (Hindi teacher sanjay kumar) डिंडोरी के मेहदवानी मॉडल स्कूल में हिंदी के शिक्षक है.
शिक्षक संजय कुमार की जिन्दगी बचाने के लिए छात्र छात्राएं हर रोज उनकी सलामती के लिए प्रार्थना में लगे रहते है. शिक्षक संजय कुमार की दोनों किडनियों ने उनका साथ देना बंद कर दिया है मेडिकल रिपोर्ट की माने तो शिक्षक संजय कुमार अब सिर्फ चंद दिनों के मेहमान है.
शिक्षक संजय कुमार के बारे में जानकारी लगने के बाद से ही उनके लिए छात्र छात्राएं बेहद ही भावुक और मायूस भी है उनकी जिन्दगी के लिए लगातार ही हर रोज अपने चहेते शिक्षक के लिए भगवान से प्रार्थना में लगे रहते है.
उम्मीद पर दुनिया कायम है अक्सर यह सुना जाता है तो अब स्कूल के बच्चों ने भी किसी तरह से अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है. सभी छात्र छात्राएं शिक्षक के बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोज स्कूल में प्रार्थना करते हैं. सभी बच्चों को यकीन है कि एक दिन उनके टीचर बिल्कुल स्वस्थ हो जाएगे.
शिक्षक संजय कुमार की दोनों किडनी खराब
स्कूल के छात्र छात्रों का प्रेम लगाव उम्मीद भरोसा देख शिक्षक संजय सिंह भी बेहद भावुक हैं. उनके मन में भी विश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है कि भले ही दवा असर करें या ना करे पर इन बच्चों की प्रार्थना जरूर असर करेगी. छात्रों के साथ स्कूल का पूरा स्टाफ भी हिंदी टीचर के लिये रोज प्रार्थना में शामिल होता है.
जबलपुर के बाद नागपुर के डॉ. ने भी खड़े कर दिए हाथ
स्थानीय सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद डॉक्टर की सलाह पर चेकअप कराने मध्यप्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) और महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur) तक जा चुके है. पर डॉक्टर्स ने दोनों किडनी खराब होने की जानकारी देते हुए अपने हाथ खड़े कर लिये. जिसके बाद उन्हें फिर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चंडीगढ़ में आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी मिली और उनका अब आयुर्वेदिक इलाज जारी है.
दोनों किडनी खराब फिर भी पढ़ाने आ रहे
एक तरफ जहां व्यक्ति को पता है कि वह इस दुनिया में चंद दिनों का मेहमान है और लगातार ही व्यक्ति इलाज के लिए अलग अलग शहरों में अस्पतालों के चक्कर काट रहा हो उसके बाद भी वह व्यक्ति बच्चो को पढ़ाने के लिए स्कूल भी जाता है. वहीं स्कूल में छात्रों ने उनके लिये प्रार्थना करना शुरू कर दिया था.
स्कूली छात्र अपने हिंदी टीचर का गुणगान करते नहीं थकते. उनके पढ़ाने का अंदाज, व्यवहार एवं हर प्रकार से मदद करने के लिये तत्पर रहना, यह सब बताते हुए बेहद भावुक हैं.
वहीं स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि उन्होंने हिंदी टीचर संजय कुमार को आराम करने के लिये अवकाश की अनुमति दे रखी है. लेकिन बीमार और कमजोर होने के बाद भी वे रोज स्कूल आते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं.