डेस्क।नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार होने की खबरें छन-छन कर बाहर आ रही हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीते दिनों हुई बैठकों ने इसे ओर हवा दे दी है। राज्यों में कुर्सी को लेकर खींचतान की खबरें भी सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश की कशमकश पर भाजपा ठंडा पानी डाल चुकी है। कुछ दिनों पहले ऐसी ही खबरें मध्यप्रदेश से भी आई थी।
सिंधिया-शिवराज के संतोष असंतोष के घटनाक्रम के बीच मंगलवार शाम को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक दिल्ली पहुंच गए। सीएम शिवराज सिंह चौहान की दिल्ली यात्रा के साथ ही मध्यप्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री परिवर्तन की अटकलों को फिर से हवा मिल गई।
कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवराज को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर दिल्ली बुलाया जा सकता है। मध्यप्रदेश की कमान किसी ओर को सौंपी जा सकती है। हालांकि, भाजपा वाले इन अटकलों को निराधार बता रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अमर उजाला से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ जबरदस्त तरीके से लॉबिंग चल रही है। सभी नेताओं और मंत्रियों की बीच बंद कमरा मेल मुलाकात रोज हो रही है।
इन सभी बैठकों में सीएम को छोड़कर सभी नेता मौजूद रहते थे। राज्य में नर्मदा परियोजना में हुए घोटाले और कैबिनेट में हुई झड़प के मामले भी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दिल्ली लेकर पहुंचे थे। परियोजना में भ्रष्टाचार की जो बातें सामने आ रही है, इसकी सफाई देने ही सीएम शिवराज दिल्ली पहुंचे है। कहीं न कहीं प्रदेश में जल्द नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है।
शिवराज सिंह चौहान इंदौर और भोपाल में भूमाफिया के खिलाफ चलाए गए अभियान के अलावा कोरोना महामारी को रोकने के लिए अब तक किए गए उपायों की जानकारी भी पीएम को देंगे। इसी के साथ तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों को लेकर भी चर्चा करेंगे।
साथ ही वे मध्यप्रदेश में टीकाकरण और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा करेंगे। इसके अलावा के सीएम केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से की मुलाकात कर राज्य के उर्वरक के कोटा बढ़ाने के संदर्भ में चर्चा करेंगे।