छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश का एक छोटा सा गांव पैजनवाड़ा, जो आमतौर पर अपनी शांति और सौहार्द के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक दर्दनाक घटना का गवाह बना। एक भारतीय सेना के जवान और उसके परिवार के साथ हुए गंभीर हमले ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है।
सेना के जवान की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
भारतीय सेना के नायक पद पर तैनात, अम्बाला केंट स्टेट, हरियाणा में 146 ए.डी. बटालियन में सेवारत जवान, अवकाश के दौरान अपने गांव पैजनवाड़ा आए थे। उनकी पत्नी, सोना कहार, ने सचिन राय से 2 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसकी रजिस्ट्री उनके नाम पर है। यह भूमि विवाद इस घटना का मुख्य कारण बन गया।
दिनांक 16 जून 2024, सुबह करीब 9:30 बजे, जवान और उनके परिवार के सदस्य – उनकी पत्नी सोना कहार, मां कलिया बाई, सास छोटी बाई, और बहन अनिला बाई खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान, ग्राम हरहिट के निवासी अशोक यदुवंशी, ओमकार यदुवंशी, और ओमप्रकाश यदुवंशी वहाँ आए और भूमि पर अपने दावे का विरोध जताने लगे। जब जवान ने उन्हें बताया कि यह जमीन उन्होंने सचिन राय से खरीदी है, तब उन पर हमला किया गया।
हमले का विवरण
अशोक यदुवंशी, ओमकार यदुवंशी, और ओमप्रकाश यदुवंशी ने जवान और उनके परिवार को भद्दी गालियाँ दीं और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन पर लाठी, कुल्हाड़ी, और मुक्कों से हमला कर दिया। अशोक यदुवंशी की पत्नी प्रमिला यदुवंशी और एक अन्य रिश्तेदार ने भी इस हिंसक कृत्य में हिस्सा लिया।
घायलों की स्थिति
जवान की हालत
हमले में जवान को सिर, दाहिने कंधे, दाहिनी बांह, और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। उनके शरीर से खून बहने लगा और उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी।
अन्य परिवार के सदस्य
- मां कलिया बाई: सिर, दाहिने हाथ की अंगुलियों के बीच, और छाती पर चोटें आईं।
- सास छोटी बाई: सिर, बाएं हाथ की कोहनी, बाएं पैर के घुटने, और गर्दन पर चोटें।
- बहन अनिला कहार: सिर और दाहिने हाथ पर चोटें।
पुलिस रिपोर्ट और कानूनी कार्यवाही
जवान ने तुरंत इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई। रिपोर्ट के आधार पर अपराध कायम कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
भूमि विवाद के संभावित कारण
भूमि की रजिस्ट्री और कानूनी प्रक्रिया
सोना कहार के नाम पर रजिस्ट्री होने के बावजूद, यदुवंशी परिवार ने इस भूमि पर अपने अधिकार का दावा किया। यह विवाद शायद कानूनी प्रक्रिया में किसी त्रुटि या समझौते की वजह से उत्पन्न हुआ हो सकता है। सचिन राय से खरीदी गई भूमि की वैधता और रजिस्ट्री की जांच जरूरी है.
सीमांकन के लिए परेशान सेना का जवान
जवान का कहना है कि ये सिर्फ हमारी जमीन हड़पने के लिए षड़यंत्र रचा जा रहा है एक तरफ इसी भूमि के सीमांकन के लिए तहसील कार्यालय में कई बार आवेदन दे चुका है और कार्यालय से सीमाकं के लिए तारीख भी मिलती है. परन्तु उस तारीख से एक दो दिन पूर्व ही सीमांकन स्थगित करने का नॉटिक भी मिल जाता है. ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हो रहा है. सेना के जवान का कहना है कि सीमांकन रोकने के लिए कई प्रकार के षड्यंत्र किए जा रहे है और अब अब तो मेरे और मेरे परिवार के साथ मारपीट भी शुरू हो चुकी है.